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शनिवार, 14 अक्टूबर 2017

लाइसेंस या RC घर भूल गए हैं तो घबराएं नहीं, पुलिस अब चालान नहीं काट पाएगी..!!

अगर आप आरसी या ड्राइविंग लाइसेंस घर पर ही भूल गए हैं तो घबराएं नहीं। बेझिझक काम करने जाएं, पुलिस चालान नहीं काट पाएगी। जानिए क्यों और कैसे होगा ये...

दरअसल, सरकार ने किसी भी काम के लिए लाइसेंस या अन्य दस्तावेजों की हार्डकॉपी साथ रखने या साथ ले जाने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब आपको एक डिजिलॉकर खोलना होगा। यह स्कीम लॉन्च कर दी गई है और इसमें आप अपने सभी दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी रख सकते हैं। डिजिलॉकर से लोगों को दो फायदे होंगे, एक तो दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे। दूसरा ये कि कहीं भी जरूरत पड़े, लॉकर खोलकर यूज कर सकेंगे।

डिजिटल लॉकर यानी डिजिलॉकर प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया का एक अहम हिस्सा है। डिजिटल लॉकर का उद्देश्य जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र जैसे अहम दस्तावेजों को ऑनलाइन स्टोर करके भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को कम करना और एजेंसियों के बीच में ई-दस्तावेजों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। लॉकर में सेव सॉफ्ट कॉपी पूरी तरह मान्य होगी, कोई इसे मानने से इंकार नहीं कर सकता।

डिजिटल लॉकर में ई-साइन की सुविधा भी है जिसका उपयोग डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने के लिए किया जा सकता है। पिछले महीने आए आंकड़ों के मुताबिक, पीएम मोदी की सरकार द्वारा लगभग सालभर पहले शुरू की गई डिजिलॉकर (DigiLocker) सर्विस में 78 लाख से अधिक लोग रजिस्टर कर चुके हैं। आपको भी इसका लाभ लेना चाहिए। इसे बनाने की प्रक्रिया भी जटिल नहीं है। 

ठाकुर सचिन चौहान अग्निवंशी

डिजिटल लॉकर बनाने के लिए आपको https://digitallocker.gov.in पर अपना अकाउंट बनाना होगा। इसके लिए आपको अपने आधार कार्ड नंबर की जरूरत होगी। आधार कार्ड इसलिए जरूरी है, ताकि फर्जीवाडे से बचा जा सके। साइट पर साइनअप करने के लिए आधार नंबर मांगा जाएगा और दो विकल्प यूजर वैरिफिकेशन के लिए उपलब्ध होगें। पहला ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड जिसपर क्लिक करते ही आपको आधार कार्ड में दिए गए मोबाइल नंबर पर ये पासवर्ड आ जाएगा।

यदि आप दूसरा विकल्प यानी अंगूठे का निशान चुनते हैं तो एक पेज खुलेगा जहां आपको उंगलियों के निशान पर अपने अंगूठे का निशान लगाना होगा। अगर निशान वैध है तभी यूजर का वैरिफिकेशन हो पाएगा और इसके बाद आप अपना यूजर नेम और पासवर्ड क्रिएट कर पाएंगे। लॉकर में pdf, jpg, jpeg, png, bmp और gif फॉरमेट की फाइलें सेव की जा सकती हैं। अपलोड की जाने वाली फाइल का साइज 1 एमबी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

फिलहाल प्रत्येक यूजर को 10 एमबी का स्पेस मिलेगा, जिसे बाद में बढ़ाकर 1 जीबी किया जाना प्रस्तावित है। इससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी।

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