अगर आपके घर के किसी भी हिस्से में पीपल का पेड़ उग आए तो उसे लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत है। क्योंकि इसमें तीन देवताओं का वास होता है।
आपने अकसर देखा होगा कि कई घरों के बाहर पीपल का पेड़ अपने आप उगने लगता है। ज्यादातर पीपल का ये पेड़ घर के नमी वाले हिस्से में उगता है। कई लोग जाने-अनजाने में इस पेड़ को काटकर फेंक देते हैं। लेकिन, अगर आप एस्ट्रोलॉजी और वास्तुशास्त्र में यकीन रखते हैं तो कभी भी इस पेड़ को इस तरह मत छेडि़ए और ना ही इसका अनादर कीजिए। जरा सी चूक अपने भाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकती है। आपको पछताना पड़ सकता है। ज्योषित शास्त्र में माना गया है कि पेड़ नकारात्मक शक्तियों को दूर करते हैं। लेकिन, कुछ खास तरह के पेड़ों के साथ सावधानी ना बरती जाए तो आपके जीवन पर ये सब भारी पड़ सकता है। पीपल का पेड़ भी उन्हीं में से एक है।
पहली बात ये है कि घर में कभी भी कांटेदार या फिर दूध निकलने वाले पौधे नहीं लगाना चाहिए। ऐसे पौधे निगेटिव एनर्जी पैदा करते हैं। आजकल लोग अपने बेडरुम में भी पौधों को लगाते हैं। लेकिन, वास्तुशास्त्र के नजरिए से से ये अशुभ है। इससे पति-पत्नी के रिश्तों में तनाव पैदा होता है। वहीं अगर आपके घर की किसी भी दीवार पर पीपल का पौधा उग आता है तो उसे काट कर फेंकने की बजाए उसे पूजा-पाठ करने के बाद किसी गमले में लगा दीजिए। शास्त्रों में माना गया है कि पीपल के पेड़ में तीन देवताओं का वास होता है। पीपल की तुलना कल्पवृक्ष से भी की जाती है। कहा जा जाता है कि पुराने समय में जब लोग कल्पवृक्ष के नीचे खड़े होकर सच्चे मन से किसी चीज को मानते थे तो उनकी मन्नत जरुर पूरी होती थी।
कलियुग में कल्पवृक्ष तो नहीं हैं लेकिन, इसकी उपाधि पीपल को दी गई है। शास्त्रों में लिखा है कि अगर कोई इंसान सच्चे भाव से संकल्प लेकर नियमित रूप से पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाता है उसकी पूजा अर्चना करता है तो मनुष्य को वो सबकुछ मिल जाता है जिसकी उसे कामना होती है। पीपल में देवताओं के अलावा पितरों का भी वास माना जाता है। इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश विराजमान हैं। स्कंदपुराण में बताया गया है कि पीपल के मूल में विष्णु और इसके तने में केशव विराजमान हैं। जबकि शाखाओं में नारायण और पत्तों में भगवान श्री हरि और फलों में सभी देवताओं का वास है। हर कोई इस वृक्ष को धार्मिक दृष्टि से देखता है। इसकी पूजा-अर्चना की जाती है। इस पेड़ को सींचने से भी पापों का नाश होता है।
ऐसे में अगर आप इस पेड का अनादर कर उसे उखाड़ देते हैं और इसे फेंक देते हैं तो सीधे तौर पर शास्त्रों में इसे भगवान का अपमान माना गया है। जिससे देवता नाराज हो जाते हैं और इसका दंड मनुष्य को मिलता है। इसलिए आपको पीपल के पेड़ को लेकर ज्यादा सर्तक रहने की जरुरत है। घर के किसी भी हिस्से में अगर आपको ये वाला पेड़ मिलता है तो पहले अपना शुद्ध मन से उसकी पूजा करें। उस पर जल चढ़ाएं। उसके आगे धूप बत्ती और दिया जलाएं। इसके बाद आप प्रभु से उनकी इजाजत लेकर पूरी सम्मान के साथ इस पेड़ को घर के उस हिस्से से निकालकर गमले या फिर पार्क में रोपित कर दें। इस दौरान भगवान से अपनी गलतियों के लिए माफी भी मांग ले। ताकि प्रभु की दयादृष्टि आप पर बनी रहे।
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