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गुरुवार, 6 अक्टूबर 2022

हिंदू धर्म में बताई गई आश्रम प्रणाली का अर्थ !


‘हिन्दू धर्म में ‘वर्णाश्रम’, अर्थात वर्ण तथा आश्रम यह जीवनपद्धति बताई गई है । उनमें से वर्ण अर्थात जाति नहीं, अपितु साधना का मार्ग । 

आश्रम चार हैं :-

१. ब्रह्मचर्याश्रम, 

२. गृहस्थाश्रम, 

३. वाणप्रस्थाश्रम तथा 

४. सन्यासाश्रम।


जिनके अर्थ क्रमशः इस प्रकार हैं :-

१. ब्रह्मचर्यपालन, 

२. गृहस्थजीवन का पालन, 

३. गृहस्थाश्रम का त्याग कर मुनि वृत्ति से वन में रहना तथा 

४. सन्यास जीवन का पालन।

इन चारों शब्दों के साथ ‘आश्रम’ शब्द जोडने का महत्त्व यह है कि ‘जीवन के चारों चरणों में आश्रमवासी की भांति जीवन जिएं’, इसका स्मरण कराना।'

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