रामायण में भगवान के तीन सखा है:-
१. निषादराज गुह,
२. सुग्रीव और
३. विभीषण।
इनमें निषादराज सिध्द भक्त था। पूर्णता को प्राप्त-ऐसे सिध्द भक्त है। विभीषण साधक भक्त है,भगवत्प्राप्ति की साधना करने वाला है और सुग्रीव विषयी भक्त है, विपत्ती आने पर भक्ती करता है और जब दुःख मिटता है तो फिर जै रामजी की! भगवान कहते है- 'मैं सबको सखा बनाने के लिये तैयार हूँ।
नारायण! नारायण!! नारायण!!!🙏🏻
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें