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सोमवार, 5 फ़रवरी 2018

सिर्फ 100 रु. में इन 3 जगहों से ले सकते हैं बंदूक का लाइसेंस, जानें इसकी पूरी प्रॉसेस

भारत में बंदूक का लाइसेंस आर्म्स एक्ट 1959 के तहत दिया जाता है। इंडिया में रहने वाले सिटीजन सिर्फ NBP गन (नॉन प्रॉहिबिटेड बोर) के तहत बंदूक ले सकते हैं। इस एक्ट के तहत कोई भी सिटीजन अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक का लाइसेंस ले सकता है। हम बता रहे हैं गन लाइसेंस लेने की पूरी प्रॉसेस।

फॉर्म ए डाउनलोड करना होगा
लाइसेंस लेने के लिए आपको फॉर्म ए भरना होगा। इसे आप www.mha.nic.in/ArmsLicence से डाउनलोड कर सकते हैं। भारत में मिलने वाले सभी लाइसेंस के लिए इसी फॉर्म का यूज किया जाता है। सभी सपोर्टिंग डॉक्युमेंट के साथ इस एप्लीकेशन को आर्म लाइसेंसिंग ऑफिस में जमा करना होता है। यह ऑफिस (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, डिप्टी कमिशनर या पुलिस कमिशनर) में हो सकता है। आपके डिस्ट्रिक्ट में आपको पता करना होगा कि कहां आवेदन जमा होते हैं।

कौन-कौन से डॉक्युमेंट लगाना होते हैं
एड्रेस प्रूफ, एज प्रूफ, फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ ही लाइसेंसिंग अधिकारी दूसरे कई डॉक्युमेंट्स की डिमांड कर सकता है। आर्म लाइसेंस की जरूरत और नेचर के हिसाब से भी डॉक्युमेंट्स बुलवाए जा सकते हैं। प्रोहिबिटेड बोर (PB) हथियारों को देने के लिए लाइसेंसिंग अथॉरिटी केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय है। जबकि नॉन प्रोहिबिटेड बोर (NPB) आर्म्स डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और दूसरे डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी द्वारा जारी किए जाते हैं।

रिजेक्ट भी हो सकता है आवदेन

रिजेक्ट भी हो सकता है आवदेन

आपका आर्म लाइसेंस रिजेक्ट भी किया जा सकता है। इसके पीछे के रीजन भी आपको बताए जाते हैं। आर्म लाइसेंस के लिए अप्लाई करने के बाद पुलिस संबंधित व्यक्ति के रिकॉर्डस चेक करती है। इसमें देखा जाता है कि पहले व्यक्ति का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड तो नहीं रहा? एड्रेस का सत्यापन किया जाता है। इसके अलावा भी संबंधित व्यक्ति के बारे में तमाम जानकारियां जुटाईं जाती हैं। जैसे जिस कॉलोनी में आप रह रहे हैं, वहां के दो लोगों से आपके कैरेक्टर के बारे में पूछताछ की

जाएगी। यह जांच की जाएगी की कहीं संबंधित व्यक्ति मानसिक या शारीरिक तौर पर बीमार है या नहीं। पुलिस अधिकारी आवेदनकर्ता का इंटरव्यू भी लेते हैं।

सबसे अहम होता है ये सवाल

इंटरव्यू का सबसे अहम प्रश्न यही होता है कि आप बंदूक रखना क्यों चाहते हैं? इसका जवाब अधिकांश लोग यही देते हैं कि यह सेल्फ डिफेंस के लिए जरूरी है। इंटरव्यू के बाद संबंधित व्यक्ति की रिपोर्ट क्रिमिनल ब्रांच के साथ ही नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पास जाती है। इसमें कोई आपत्ति नहीं आई और पुलिस अधिकारी आवेदनकर्ता के दस्तावेजों और बात से संतुष्ट हुए तो संबंधित व्यक्ति को बंदूक का लाइसेंस जारी कर दिया जाता है। लाइसेंस मिलने के बाद व्यक्ति गन बेचने वाले डीलर से संपर्क कर सकता है। कस्टमर को अपनी पसंद की बंदूक के लिए प्री-ऑर्डर करना होता है।

कितनी लगती है फीस

पिस्टल, रिवॉल्वर और रिपिटिंग राइफल के लिए लाइसेंस फीस 100 रुपए है। वहीं रिन्यूअल फीस 50 रुपए है। 22 बोर राइफ लाइसेंस की कीमत 40 रुपए और रिन्यूअल फीस 20 रुपए है। वहीं एमएल गन, एयर गन के लिए 10 रुपए फीस लगती है। रिन्यूअल के लिए 5 रुपए फीस लगती है। अलग-अलग हथियारों की कैटेगरी के हिसाब से फीस अलग-अलग है।

शुक्रवार, 5 जनवरी 2018

गूगल ने जारी की 2017 के बेस्ट Apps की लिस्ट, आपके फोन में कितने हैं?

गूगल ने साल 2017 के बेस्ट ऐप्स की लिस्ट जारी कर दी है। लिस्ट में यूटिलिटी ऐप्स और गेम्स ऐप्स को अलग-अलग रखा गया है। यूटिलिटी ऐप्स में भी 7 अलग-अलग कैटेगरी बनाई गई है।
इसमें
Most Entertaining,
Best Social,
Best Daily Helper,
Most Innovative,
Best Hidden Gem,
Best for Kids और Most Popular हैं। इसके अलावा Socratic को बेस्ट ऐप बनाया गया है।

एजुकेशन से जुड़ा बेस्ट ऐप

गूगल ने Socratic - Math Answers & Homework Help को साल 2017 का बेस्ट ऐप बताया है। ये मैथ्स के सवालों को सॉल्व करने वाला ऐप है। साथ ही, इसकी मदद से होमवर्क किया जा सकता है। इसमें मैथ्स के साथ हिस्ट्री, केमेस्ट्री और अन्य सबजेक्ट भी मिलेंगे। इस ऐप की मदद से किसी सवाल का फोटो खींचकर भी उसे सॉल्व किया जा सकता है।

मोस्ट एंटरटेनिंग ऐप

गूगल ने Most Entertaining ऐप की कैटेगरी में जिन 5 ऐप्स को शामिल किया है उनमें PicsArt Animator: GIF & Video पहले नंबर पर है। इस ऐप की मदद से एनिमेशन बनाए जा सकते हैं। लिस्ट में दूसरे नंबर पर Hotstar है। लाइव मैच के साथ लाइव टीवी और मूवी देखने के लिए ये बेस्ट है। इसके साथ, तीसरे नंबर पर Coloring Book for Me & Mandala, चौथे पर Gaana Music और पांचवें नंबर पर HOOKED - Chat Stories ऐप है।

शनिवार, 23 दिसंबर 2017

कोई आइडिया हो या शिकायत, ऐसे 5 मिनट में आपकी बात पहुंच जाएगी पीएम मोदी तक

आपका कोई आइडिया हो या शिकायत आप अपनी कोई भी बात मिनटों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचा सकते हैं। इसके लिए आपको न ही किसी पॉलिटिकल सोर्स की जरूरत है और न ही कहीं भटकना है। शिकायत और सुझाव की  पूरी प्रॉसेस ऑनलाइन है। 

कम्पलेंट का स्टेटस भी पता चलेगा

आपने कोई कम्पलेंट की है तो उस पर क्या कार्रवाई हुई? या फिर अभी उसका स्टेट्स क्या है? यह जानकारी भी आपको ऑनलाइन मिल जाएगी। कम्पलेंट करने के बाद आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा। यह नंबर आपके मोबाइल पर पीएमओ की तरफ से भेजा जाएगा। इस नंबर के जरिए आप अपनी कम्पलेंट का स्टेटस चेक कर सकते हैं। आज हम बता रहे हैं कैसे प्रधानमंत्री तक अपनी शिकायत या सुझाव पहुंचाया जाए। 

ऐसे 5 मिनट में आपकी बात पहुंच जाएगी पीएम मोदी तक...

पीएमओ की वेबसाइट पर जाएं

> इसके लिए आपको सबसे पहले http://www.pmindia.gov.in पर जाना होगा। 

> यहां जाकर आप जिस लैंग्वेज का यूज करना चाहते हैं उसे सिलेक्ट कर सकते हैं। 

> हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही तमिल, तेलगु, बंगाली, गुजराती, कन्नड जैसी भाषाओं का विकल्प भी यहां मौजूद है। आप जिस भी लैंग्वेज को सिलेक्ट करेंगे, पूरी साइट उसी लैंग्वेज में कन्वर्ट हो जाएगी। 

शिकायत कैसे करें...

'प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करें'  ऑप्शन में जाएं

> इसके बाद आप साइट में नीचे की ओर स्क्रोल करें। यहां आपको  'प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करें' हेडिंग से एक कॉलम दिखेगा। 

> इसमें दो ऑप्शन दिखेंगे। एक होगा अपने सुझाव या विचार साझा करने का और दूसरा होगा प्रधानमंत्री को लिखने का। 

> कम्पलेंट करना है तो आप दूसरे वाले ऑप्शन पर जाएं। इस पर जैसे ही क्लिक करेंगे, एक फॉर्म ओपन हो जाएगा।  

पूरा फॉर्म भरना होगा

> अब आपको इस फॉर्म को भरना होगा। यहीं नीचे बॉक्स में अपनी शिकायत लिखने का विकल्प भी आपको मिलेगा। 

> यहां शिकायत लिखकर, इसे सबमिट कर दें। फिर आपको अपने मोबाइल नंबर पर एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा। 

> इस नंबर के जरिए आप अपनी शिकायत का स्टेट्स फ्यूचर में चेक कर सकेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय से इसी नंबर और आपकी ईमेल आईडी पर आप से संपर्क किया जाएगा। 

मंगलवार, 19 दिसंबर 2017

*स्वस्थ रहने के साधारण उपाय*::--


1-- 90 प्रतिशत रोग केवल पेट से होते हैं। पेट में कब्ज नहीं रहना चाहिए। अन्यथा रोगों की कभी कमी नहीं रहेगी।

2-- कुल 13 अधारणीय वेग हैं !

3--160 रोग केवल मांसाहार से होते है !

4-- 103 रोग भोजन के बाद जल पीने से होते हैं। भोजन के 1 घंटे बाद ही जल पीना चाहिये।

5-- 80 रोग चाय पीने से होते हैं।

6-- 48 रोग ऐलुमिनियम के बर्तन या कुकर के खाने से होते हैं।

7-- शराब, कोल्डड्रिंक और चाय के सेवन से हृदय रोग होता है।

8-- अण्डा खाने से हृदयरोग, पथरी और गुर्दे खराब होते हैं।

9-- ठंडे जल (फ्रिज) और आइसक्रीम से बड़ी आंत सिकुड़ जाती है।

10-- मैगी, गुटका, शराब, सूअर का माँस, पिज्जा, बर्गर, बीड़ी, सिगरेट, पेप्सी, कोक से बड़ी आंत सड़ती है।

11-- भोजन के पश्चात् स्नान करने से पाचनशक्ति मन्द हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है।

12-- बाल रंगने वाले द्रव्यों (हेयरकलर) से आँखों को हानि (अंधापन भी) होती है।

13-- दूध (चाय) के साथ नमक (नमकीन पदार्थ) खाने से चर्म रोग हो जाता है।

14-- शैम्पू, कंडीशनर और विभिन्न प्रकार के तेलों से बाल पकने, झड़ने और दोमुहें होने लगते हैं।

15-- गर्म जल से स्नान से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है। गर्म जल सिर पर डालने से आँखें कमजोर हो जाती हैं।

16-- टाई बांधने से आँखों और मस्तिष्क को हानि पहुँचती है।

17-- खड़े होकर जल पीने से घुटनों (जोड़ों) में पीड़ा होती है।

18-- खड़े होकर मूत्र-त्याग करने से रीढ़ की हड्डी को हानि होती है।

19-- भोजन पकाने के बाद उसमें नमक डालने से रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ता है।

20-- जोर लगाकर छींकने से कानों को क्षति पहुँचती है।

21-- मुँह से साँस लेने पर आयु कम होती है।

22-- पुस्तक पर अधिक झुकने से फेफड़े खराब हो जाते हैं और क्षय (टीबी) होने का भी डर रहता है।

23-- चैत्र माह में नीम के पत्ते खाने से रक्त शुद्ध हो जाता है, मलेरिया नहीं होता है।

24-- तुलसी के सेवन से मलेरिया नहीं होता है।

25-- मूली प्रतिदिन खाने से व्यक्ति अनेक रोगों से मुक्त रहता है।

26-- अनार आंव, संग्रहणी, पुरानी खांसी व हृदय रोगों के लिए सर्व श्रेष्ठ है।

27-- हृदय-रोगी के लिए अर्जुन की छाल, लौकी का रस, तुलसी, पुदीना, मौसमी, सेंधा नमक, गुड़, चोकर-युक्त आटा, छिलके-युक्त अनाज औषधियां हैं।

28-- भोजन के पश्चात् पान, गुड़ या सौंफ खाने से पाचन अच्छा होता है। अपच नहीं होता है।

29-- अपक्व भोजन (जो आग पर न पकाया गया हो) से शरीर स्वस्थ रहता है और आयु दीर्घ होती है।

30-- मुलहठी चूसने से कफ बाहर आता है और आवाज मधुर होती है।

31-- जल सदैव ताजा (चापाकल, कुएं आदि का) पीना चाहिये, बोतलबंद (फ्रिज) पानी बासी और अनेक रोगों के कारण होते हैं।

32-- नीबू गंदे पानी के रोग (यकृत, टाइफाइड, दस्त, पेट के रोग) तथा हैजा से बचाता है।

33-- चोकर खाने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। इसलिए सदैव गेहूं मोटा ही पिसवाना चाहिए।

34-- फल, मीठा और घी या तेल से बने पदार्थ खाकर तुरन्त जल नहीं पीना चाहिए।

35-- भोजन पकने के 48 मिनट के अन्दर खा लेना चाहिए। उसके पश्चात् उसकी पोशकता कम होने लगती है। 12 घण्टे के बाद पशुओं के खाने लायक भी नहीं रहता है।

36-- मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने से पोष्कता 100%, कांसे के बर्तन में 97%, पीतल के बर्तन में 93%, अल्युमिनियम के बर्तन और प्रेशर कुकर में 7-13% ही बचते हैं।

37-- गेहूँ का आटा 15 दिनों पुराना और चना, ज्वार, बाजरा, मक्का का आटा 7 दिनों से अधिक पुराना नहीं प्रयोग करना चाहिए।

38-- 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मैदा (बिस्कुट, ब्रैड, समोसा आदि) कभी भी नहीं खिलाना चाहिए।

39-- खाने के लिए सेंधा नमक सर्वश्रेष्ठ होता है उसके बाद काला नमक का स्थान आता है। सफेद नमक जहर के समान होता है।

40-- जल जाने पर आलू का रस, हल्दी, शहद, घृतकुमारी में से कुछ भी लगाने पर जलन ठीक हो जाती है और फफोले नहीं पड़ते।

41-- सरसों, तिल, मूंगफली या नारियल का तेल ही खाना चाहिए। देशी घी ही खाना चाहिए है। रिफाइंड तेल और वनस्पति घी (डालडा) जहर होता है।

42-- पैर के अंगूठे के नाखूनों को सरसों तेल से भिगोने से आँखों की खुजली लाली और जलन ठीक हो जाती है।

43-- पान खाने का चूना 70 रोगों को ठीक करता है।

44-- चोट, सूजन, दर्द, घाव, फोड़ा होने पर उस पर 5-20 मिनट तक चुम्बक रखने से जल्दी ठीक होता है। हड्डी टूटने पर चुम्बक का प्रयोग करने से आधे से भी कम समय में ठीक होती है।

45-- मीठे में मिश्री, गुड़, शहद, देशी (कच्ची) चीनी का प्रयोग करना चाहिए सफेद चीनी जहर होता है।

46-- कुत्ता काटने पर हल्दी लगाना चाहिए।

47-- बर्तन सदा मिटटी के ही प्रयोग करने चाहिए।

48-- टूथपेस्ट और ब्रुश के स्थान पर दातुन और मंजन करना चाहिए दाँत मजबूत रहेंगे। (आँखों के रोग में दातुन नहीं करना)

49-- यदि सम्भव हो तो सूर्यास्त के पश्चात् न तो पढ़े और लिखने का काम तो न ही करें तो अच्छा है।

50-- निरोग रहने के लिए अच्छी नींद और अच्छा (ताजा) भोजन अत्यन्त आवश्यक है।

51-- देर रात तक जागने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो जाती है। भोजन का पाचन भी ठीक से नहीं हो पाता है आँखों के रोग भी होते हैं।

52-- प्रातः का भोजन राजकुमार के समान, दोपहर का राजा और रात्रि का भिखारी के समान करना चाहिये ।

आशा है आप स्वयं अपने परिवार में भी इसे लागू करेंगे।
प्रिय स्वीट फॅमिली मेंबर,
अपनी दिनचर्या को बीमार होने के बाद भी तो सही बनाओगे, बेहतर हैं बीमार नहीं हो, ऐसी दिनचर्या बना ले। निश्चित लाभ मिलेगा। मैं स्वयं भी प्रयासरत हूं आप भी प्रयत्न करना शुरू करे।

रविवार, 5 नवंबर 2017

मच्छर मारने का इससे आसान तरीका और कहाँ

नमस्कार भाइयों-बहनों एवं मेरे प्यारे मित्र जनों। आज मैं आप सभी को एक देसी ईलाज के बारे में बताना चाहता हूँ, जो कि मच्छर भगाने के लिए एक बहुत ही सहज उपाय है। कई सारी घातक बीमारियां मच्छरों के फैलने से पनप रही है, कहने को तो कई सारी कंपनियां मच्छरों को भगाने अौर मारने के लिए कई सारे प्रोडक्ट्स बनाती और बेचती हैं लेकिन मच्छर इनका तोड़ निकाल ही लेते हैं।

इन मच्छरों को न तो किसी कोइल का असर हो रहा है और न हीं मॉस्किटो लिक्विड का, लेकिन देसी नुस्खों में एक नुस्खा ऐसा है जिसका तोड़ मच्छरों को नहीं मिल पाया है। जिसे आजमाने से घर के सारे मच्छर तुरंत भाग जाएंगे। एक नींबू और करीब दस पन्द्रह लॅाग से आपका काम तुरंत निकल जाएगा। सबसे पहले नींबू को दो भागों में काट दे और लांग को नींबू के ऊपर डाल दें। नींबू और लौंग के मिश्रण से एक ऐसी खुशबू आती है जो कि मच्छरों के लिए बहुत ही विशैली होती है। 

मच्छरों से कई सारी बीमारियां पनपती है जैसे कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, येलो फिवर झीका फिवर आदि। डेंगू तो अब इतना खतरनाक हो चुका है कि मानो वक्त पर ईलाज नहीं मिला तो जान भी जा सकती है और ये सब सिर्फ एक मच्छर के काटने की वजह से होता है। यह उपाय आपके लिए बहुत ही लाभदायक साबित होगा। 

शुक्रवार, 3 नवंबर 2017

क्या आपको पता है किस दिन काटने चाहिये बाल और नाख़ून।

इंसान के जीवन में धन के महत्व को बताने की ज़रुरत नहीं है। ये सभी जानते है। परन्तु कुछ ऐसे काम जो लोग अनजाने ही कर जाते है जिससे माँ लक्ष्मी रूठ जाती है। इनमे से एक काम है बाल और नाखूनों का काटा जाना। आइये जानते है कि किस बालो और नाखूनों को काटने से हो सकती है धन वर्षा। 

रविवार सूर्य देवता का दिन होता है और इसलिए इस दिन बाल और नाखून काटने से बुद्धि का नाश होता है।

सोमवार के दिन चन्द्रमा और शिव जी का माना जाता है। इसलिए इस दिन बाल और नाखून काटना परेशानियों को खुला निमंत्रण देने जैसा होता है।

बुधवार और शुक्रवार के दिन बाल और नाखून काटने से घर में बरक्क्त आती है। तिजोरी में रखा हुआ धन स्थिर रहता है और कारोबार में वृद्धि होती है।

मंगलवार, बृहस्पतवार और शनिवार के दिन बाल और नाखून सुरक्षा कवच की तरह से काम करते है। इसलिए इन दिनों में बाल और नाखून काटने से मना किया जाता है। 

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भगवान श्रीकृष्ण ने बताया था कि आखिर क्यों निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए।


स्नान करना हमारे नित्य कर्मो में से एक है। स्नान करने के बाद ही शरीर शुद्ध होता है और इसके बाद ही वह पवित्र और शुभ कार्य करने के लिए स्वतंत्र होता है। जब स्वयं श्रीकृष्ण ने गोपियों से कहे थे।

हम में से अधिकांश व्यक्ति पूर्णतः निर्वस्त्र होकर स्नान करते हैं लेकिन श्रीकृष्ण के अनुसार ऐसा कदापि नहीं करना चाहिए। निर्वस्त्र होकर स्नान करने को निषेध कर्म माना गया है अब ऐसा क्यों, यह जानने की कोशिश करते हैं।

जब नदी में निर्वस्त्र होकर स्नान करने के लिए गोपियां जाती है और तब उनके वस्त्र श्रीकृष्ण चुरा लेते हैं। गोपियां श्रीकृष्ण से बहुत प्रार्थना करती है कि वे उनके वस्त्र उन्हें लौटा दें लेकिन श्रीकृष्ण उन्हें स्वयं जल से बाहर निकलकर वस्त्र लेने के लिए कहते हैं। इसपर गोपियां उनसे विनम्रता से कहती है कि वे नग्नावस्था में जल से बाहर नहीं आ सकती हैं तो श्रीकृष्ण उनसे कहते हैं कि तुम निर्वस्त्र होकर स्नान करने गए ही क्यों थी।

गोपियों ने उत्तर दिया कि जब वे स्नान करने जा रही थीं तो वहां कोई नहीं था। श्रीकृष्ण ने उनसे कहा, ऐसा तुम्हें लगता है। क्योंकि आसमान में उड़ रहे पक्षियों ने तुम्हें नग्नावस्था में देखा, जमीन पर छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़े ने तुम्हें निर्वस्त्र देखा। यहीं नहीं पानी के जीवों और साथ ही स्वयं वरुण देव ने तुम्हें निर्वस्त्र देखा है।

श्रीकृष्ण का आशय था कि भले ही हमें लगे कि हमें निर्वस्त्र अवस्था में किसी ने नहीं देखा लेकिन वास्तव में ऐसा संभव नहीं होता है। हमारे आस-पास हमेशा हमारे पूर्वज रहते हैं। यहां तक कि जब हम निर्वस्त्र होकर स्नान कर रहे होते हैं, तो भी वे हमारे आसपास मौजूद होते हैं।

शरीर से गिरने वाले जल को ग्रहण करते हैं, इसी जल से उनकी तृप्ति होती है। जब हम निर्वस्त्र स्नान करते हैं तो वो अतृप्त रह जाते हैं। ऐसा होने से व्यक्ति का तेज, बल,शौर्य, धन, सुख और क्षमता का नाश होता है। यही वजह है कि व्यक्ति को कभी भी निर्वस्त्र अवस्था में स्नान करने से परहेज करना चाहिए। वैसे तो एक बात तो मानने वाली है, श्रीकृष्ण के साथ बहुत सी ऐसी लीलाएं संबंधित है। जिसमें उन्हें चोरी करते हुए दर्शाया गया है। जिसमे कभी वे गोपियों के वस्त्रों की चोरी करते थे, तो कभी गोपियों के घर से माखन चुरा कर खाते थे। कभी उन पर चोरी करने का आरोप लगा था। तो कभी वे रुकमणी को हर कर अपनी अर्धांगिनी बना लेते हैं। लेकिन जो भी हो वे एक ऐसे चोर रहे हैं, जिनसे सभी ने प्रेम किया है।