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सोमवार, 16 अक्टूबर 2017

Whatsapp में पर्सनल चेट ऐसे छुपाएं।

वॉट्सएप अब भारतीय स्मार्टफोन यूजर्स की जिंदगी का अहम हिस्सा हो गया है। इसमें यूजर्स को खबरों और मनोरंजन के अलावा बहुत कुछ मिलता है। कई बार कुछ पर्सनल चेट होते हैं। आप नहीं चाहते कि उन्हे कोई दूसरा पढ़े। ज्यादातर लोग ऐसे चेट को डीलिट कर देते हैं परंतु आपको पर्सनल चेट डीलिट करने की जरूरत नहीं। आप उन्हे छुपा भी सकते हैं। यह इतना आसान है कि कोई भी कर सकता है और यह इतना मुश्किल कि आपके अलावा आपकी पर्सनल चेट को कोई दूसरा ढूंढ ही नहीं पाएगा। बस आपको यह ट्रिक यूज करनी है। 

खास चैट को हाइड करने के लिए :-

आप जिस चैट को डिलिट करना चाहते हैं, सबसे पहले उस चैट टैप करके पॉज लें। अप आपको ऐप के ऊपर की तरफ तीन डॉट के बगल में एक डाउन ऐरो नजर आएगा। इस पर टैप करने पर आपकी वो चैट हाइड हो जाएगी। इस चैट को आप दोबारा सर्च करके टैप और पॉज के जरिए अनआर्काइव भी कर सकते हैं।

सभी चैट को हाइड करने के लिए :-

अगर आप अपने फोन में मौजूद सभी चैट को एक साथ हाइड करना चाहते हैं, तो इसके लिए मैन्यू में जाकर सैटिंग ऑप्शन पर टैप करें। अब चैट्स में जाएं। यहां आपको चैट हिस्ट्री ऑप्शन नजर आएगा, इस पर टैप करें। यहां आर्काइव ऑल चैट ऑप्शन पर क्लिक करें। इसके बाद आपकी सारी चैट्स आर्काइव हो जाएंगी और इन्हें कोई नहीं पढ़ सकेगा। अनआर्काइव करने के लिए यही प्रोसेस दोहराकर सभी चैट्स को अनआर्काइव किया जा सकता है।

गलती से डिलीट हो गया है जरूरी डाटा, तो इन 5 Step में मिल जाएगा वापस!


डिलीट हुआ डाटा ऐसे करें रिकवर :-


ठाकुर सचिन चौहान अग्निवंशी

कई बार जाने अनजाने आपका जरूरी डाटा आपके कंप्यूटर से डिलीट हो जाता है. ऐसे में आपको समझ नहीं आता कि कैसे जरूरी फाइल्स को वापस हालिस किया जाए. वैसे तो आप किसी भी सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन की शॉप पर जाकर डाटा रिकवर करा सकते हैं, जिससे आप घर बैठे बड़ी ही आसानी से अपना डिलीट हुआ डाटा रिकवर कर सकते हैं.

जानिए डाटा डिलीट हो जाए तो क्या करें:

स्टेप 1

सबसे पहले जिस हार्ड डिस्क से डाटा रिकवर करना है उसे किसी दूसरे कम्प्यूटर से अटैच करें. अगर ये एक USB हार्ड डिस्क है तो इसे डायरेक्ट भी किसी कंप्यूटर से अटैच किया जा सकता है। इसके बाद डाटा रिकवरी सॉफ्टवेयर ‘Recover My Files’ का फ्री वर्जन डाउनलोड कर इन्स्टॉल करें. ये आसानी से गूगल पर उपलब्ध है और इसे डाउनलोड कर इस्तेमाल करना बेहद आसान है.

स्टेप 2
सॉफ्टेवयर इन्स्टॉल होने के बाद फाइल रिकवर करने के लिए आपको पहले फ़ाइल को सर्च करना होगा. इसके बाद आप स्क्रीन पर मौजूद दुसरे दो ऑप्शन में से Complete Format Recover पर क्लिक करना है.

स्टेप 3
Complete Format Recover पर क्लिक करने के बाद आपको फिजिकल ड्राइव सलेक्ट करनी होगी. इसमें आपको हार्ड डिस्क के पार्टीशन भी दिखाई देंगे.

आमतौर पर आपने अपने हार्ड डिस्क पार्टीशन को जो नाम दिया है इसमें भी वो उसी नाम से दिखाई देंगे. आप जिस ड्राइव का डाटा या जिस ड्राइव में मौजूद फ़ाइल रिकवर करना चाहते हैं उसे सलेक्ट कर लें और Next पर क्लिक करें.

स्टेप नंबर 4
इस स्टेप में आपसे पूछा जाता है कि आपको कौन सी फ़ाइल रिकवर करनी है. इस ऑप्शन में ड्राइव में सेव इमेज, ऑडियो, वीडियो, किसी सॉफ्टवेयर या अन्य दूसरी कई फाइल्स शो होती हैं. यहां आप किसी एक फ़ाइल को या फिर सभी फाइलों को भी सलेक्ट कर सकते हैं.

स्टेप 5
स्कैनिंग पूरी होने के बाद यूजर्स को रिकवर हुई फाइल्स की पूरी लिस्ट दिखाई देती है. हालांकि रिकवरी के बाद कई फाइल्स के नाम बदल गए होते हैं. ये सॉफ्टवेयर आपको प्रीव्यू देखने का ऑप्शन भी देता है. प्रीव्यू देखकर आप सिर्फ वही फाइल्स सेव कर सकते हैं जिनकी आपको ज़रुरत है।

रविवार, 15 अक्टूबर 2017

स्मार्टफोन के ये 4 सीक्रेट कोड, क्या आपने किए यूज?

यहां हम आपको स्मार्टफोन के  ऐसे सीक्रेट कोड बता रहे हैं जिनकी मदद से यूजर्स  अपने फोन में कई सारे काम कर सकते हैं। इन कोड का यूज कर अपने कॉल को दूसरे नंबर पर फॉरवर्ड करने के साथ ही आप एयरप्लेन मोड पर नेट चला सकते हैं। साथ ही फोन की मेमोरी को बढ़ा सकते हैं। 

आइए जानते हैं इनके बारे में...


हर लडकी के लिए प्रेरक कहानी... और लड़कों के लिए अनुकरणीय शिक्षा!

इसे शांत चित्त से पढिए।

कोई भी लडकी की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल की होती है।
...
...
अशोक भाई ने घर मेँ पैर रखा....‘अरी सुनती हो !'

आवाज सुनते ही अशोक भाई की पत्नी हाथ मेँ पानी का गिलास लेकर बाहर आयी और बोली

"अपनी beti का रिश्ता आया है,

अच्छा भला इज्जतदार सुखी परिवार है,
लडके का नाम युवराज है ।
बैँक मे काम करता है।
बस beti  हाँ कह दे तो सगाई कर देते है."

Beti उनकी एकमात्र लडकी थी..

घर मेँ हमेशा आनंद का वातावरण रहता था ।

कभी कभार अशोक भाई सिगरेट व पान मसाले के कारण उनकी पत्नी और beti के साथ कहा सुनी हो जाती लेकिन
अशोक भाई मजाक मेँ निकाल देते ।

Beti खूब समझदार और संस्कारी थी ।

S.S.C पास करके टयुशन, सिलाई काम करके पिता की मदद करने की कोशिश करती ।

अब तो beti ग्रज्येएट हो गई थी और नोकरी भी करती थी
लेकिन अशोक भाई उसकी पगार मेँ से एक रुपया भी नही लेते थे...

और रोज कहते ‘बेटी यह पगार तेरे पास रख तेरे भविष्य मेँ तेरे काम आयेगी ।'

दोनो घरो की सहमति से beti  और
युवराज की सगाई कर दी गई और शादी का मुहूर्त भी निकलवा दिया.

अब शादी के 15 दिन और बाकी थे.

अशोक भाई ने beti को पास मेँ बिठाया और कहा-

" बेटा तेरे ससुर से मेरी बात हुई...उन्होने कहा दहेज मेँ कुछ नही लेँगे, ना रुपये, ना गहने और ना ही कोई चीज ।

तो बेटा तेरे शादी के लिए मेँने कुछ रुपये जमा किए है।

यह दो लाख रुपये मैँ तुझे देता हूँ।.. तेरे भविष्य मेँ काम आयेगे, तू तेरे खाते मे जमा करवा देना.'

"OK PAPA" - beti ने छोटा सा जवाब देकर अपने रुम मेँ चली गई.

समय को जाते कहाँ देर लगती है ?

शुभ दिन बारात आंगन में आयी,

पंडितजी ने चंवरी मेँ विवाह विधि शुरु की।
फेरे फिरने का समय आया....

कोयल जैसे कुहुकी हो ऐसे beti दो शब्दो मेँ बोली

"रुको पडिण्त जी ।
मुझे आप सब की उपस्तिथि मेँ मेरे पापा के साथ बात करनी है,"

“पापा आप ने मुझे लाड प्यार से बडा किया, पढाया, लिखाया खूब प्रेम दिया इसका कर्ज तो चुका सकती नही...

लेकिन युवराज और मेरे ससुर जी की सहमति से आपने दिया दो लाख रुपये का चेक मैँ वापस देती हूँ।

इन रुपयों से मेरी शादी के लिए लिये हुए उधार वापस दे देना
और दूसरा चेक तीन लाख जो मेने अपनी पगार मेँ से बचत की है...

जब आप रिटायर होगेँ तब आपके काम आयेगेँ,
मैँ नही चाहती कि आप को बुढापे मेँ आपको किसी के आगे हाथ फैलाना पडे !

अगर मैँ आपका लडका होता तब भी इतना तो करता ना ? !!! "

वहाँ पर सभी की नजर beti  पर थी...

“पापा अब मैं आपसे जो दहेज मेँ मांगू वो दोगे ?"

अशोक भाई भारी आवाज मेँ -"हां बेटा", इतना ही बोल सके ।

"तो पापा मुझे वचन दो"
आज के बाद सिगरेट के हाथ नही लगाओगे....

तबांकु, पान-मसाले का व्यसन आज से छोड दोगे।

सब की मोजुदगी मेँ दहेज मेँ बस इतना ही मांगती हूँ ।."

लडकी का बाप मना कैसे करता ?

शादी मे लडकी की विदाई समय कन्या पक्ष को रोते देखा होगा लेकिन

आज तो बारातियो कि आँखो मेँ आँसुओ कि धारा निकल चुकी थी।

मैँ दूर se us beti को लक्ष्मी रुप मे देख रहा था....

रुपये का लिफाफा मैं अपनी जेब से नही निकाल पा रहा था....

साक्षात लक्ष्मी को मैं कैसे लक्ष्मी दूं ??

लेकिन एक सवाल मेरे मन मेँ जरुर उठा,

“भ्रूण हत्या करने वाले लोगो को is जैसी लक्ष्मी मिलेगी क्या" ???

कृपया रोईए नही, आंसू पोछिए और प्रेरणा लीजिये।
Aur whatsapp per zabardast share kijiye
या मत कीजये ये आपकी मर्जी
Please save girls....

आपको किसी कि कसम नहीं  है

अगर ये मसज फॉरवर्ड नही किआ तो कोई बात नही.....?

कोई और फॉरवर्ड कर देगा तो फिर आपको वापिस मिलेगा😊

लेकिन पूरा पढ़ने के लिए आपका हार्दिक आभारी हूँ। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी है तो बेटी बचाओ बेटी पढाओ।
               🙏🙏®♈🙏🙏

तुलसी कौन थी !!

तुलसी(पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी.बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा, पूजा किया करती थी.जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया। जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ था.
वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी सदा अपने पति की सेवा किया करती थी.
एक बार देवताओ और दानवों में युद्ध हुआ जब जलंधर युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा``` -
स्वामी आप युद्ध पर जा रहे है आप जब तक युद्ध में रहेगे में पूजा में बैठ कर``` आपकी जीत के लिये अनुष्ठान करुगी,और जब तक आप वापस नहीं आ जाते, मैं अपना संकल्प
नही छोडूगी। जलंधर तो युद्ध में चले गये,और वृंदा व्रत का संकल्प लेकर पूजा में बैठ गयी, उनके व्रत के प्रभाव से देवता भी जलंधर को ना जीत सके, सारे देवता जब हारने लगे तो विष्णु जी के पास गये।
सबने भगवान से प्रार्थना की तो भगवान कहने लगे कि – वृंदा मेरी परम भक्त है में उसके साथ छल नहीं कर सकता ।
फिर देवता बोले - भगवान दूसरा कोई उपाय भी तो नहीं है अब आप ही हमारी मदद कर सकते है।
भगवान ने जलंधर का ही रूप रखा और वृंदा के महल में पँहुच गये जैसे
ही वृंदा ने अपने पति को देखा, वे तुरंत पूजा मे से उठ गई और उनके चरणों को छू लिए,जैसे ही उनका संकल्प टूटा, युद्ध में देवताओ ने जलंधर को मार दिया और उसका सिर काट कर अलग कर दिया,उनका सिर वृंदा के महल में गिरा जब वृंदा ने देखा कि मेरे पति का सिर तो कटा पडा है तो फिर ये जो मेरे सामने खड़े है ये कौन है?
उन्होंने पूँछा - आप कौन हो जिसका स्पर्श मैने किया, तब भगवान अपने रूप में आ गये पर वे कुछ ना बोल सके,वृंदा सारी बात समझ गई, उन्होंने भगवान को श्राप दे दिया आप पत्थर के हो जाओ, और भगवान तुंरत पत्थर के हो गये।
सभी देवता हाहाकार करने लगे लक्ष्मी जी रोने लगे और प्रार्थना करने लगे यब वृंदा जी ने भगवान को वापस वैसा ही कर दिया और अपने पति का सिर लेकर वे
सती हो गयी।
उनकी राख से एक पौधा निकला तब
भगवान विष्णु जी ने कहा –आज से
इनका नाम तुलसी है, और मेरा एक रूप इस पत्थर के रूप में रहेगा जिसे शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जायेगा और में
बिना तुलसी जी के भोग```
```स्वीकार नहीं करुगा। तब से तुलसी जी कि पूजा सभी करने लगे। और तुलसी जी का विवाह शालिग्राम जी के साथ कार्तिक मास में```
```किया जाता है.देव-उठावनी एकादशी के दिन इसे तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है !```
*इस कथा को कम से कम दो लोगों को अवश्य सुनाए आप को पुण्य अवश्य मिलेगा। या चार ग्रुप मे प्रेषित करें।

शनिवार, 14 अक्टूबर 2017

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लाइसेंस या RC घर भूल गए हैं तो घबराएं नहीं, पुलिस अब चालान नहीं काट पाएगी..!!

अगर आप आरसी या ड्राइविंग लाइसेंस घर पर ही भूल गए हैं तो घबराएं नहीं। बेझिझक काम करने जाएं, पुलिस चालान नहीं काट पाएगी। जानिए क्यों और कैसे होगा ये...

दरअसल, सरकार ने किसी भी काम के लिए लाइसेंस या अन्य दस्तावेजों की हार्डकॉपी साथ रखने या साथ ले जाने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब आपको एक डिजिलॉकर खोलना होगा। यह स्कीम लॉन्च कर दी गई है और इसमें आप अपने सभी दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी रख सकते हैं। डिजिलॉकर से लोगों को दो फायदे होंगे, एक तो दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे। दूसरा ये कि कहीं भी जरूरत पड़े, लॉकर खोलकर यूज कर सकेंगे।

डिजिटल लॉकर यानी डिजिलॉकर प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया का एक अहम हिस्सा है। डिजिटल लॉकर का उद्देश्य जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र जैसे अहम दस्तावेजों को ऑनलाइन स्टोर करके भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को कम करना और एजेंसियों के बीच में ई-दस्तावेजों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। लॉकर में सेव सॉफ्ट कॉपी पूरी तरह मान्य होगी, कोई इसे मानने से इंकार नहीं कर सकता।

डिजिटल लॉकर में ई-साइन की सुविधा भी है जिसका उपयोग डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने के लिए किया जा सकता है। पिछले महीने आए आंकड़ों के मुताबिक, पीएम मोदी की सरकार द्वारा लगभग सालभर पहले शुरू की गई डिजिलॉकर (DigiLocker) सर्विस में 78 लाख से अधिक लोग रजिस्टर कर चुके हैं। आपको भी इसका लाभ लेना चाहिए। इसे बनाने की प्रक्रिया भी जटिल नहीं है। 

ठाकुर सचिन चौहान अग्निवंशी

डिजिटल लॉकर बनाने के लिए आपको https://digitallocker.gov.in पर अपना अकाउंट बनाना होगा। इसके लिए आपको अपने आधार कार्ड नंबर की जरूरत होगी। आधार कार्ड इसलिए जरूरी है, ताकि फर्जीवाडे से बचा जा सके। साइट पर साइनअप करने के लिए आधार नंबर मांगा जाएगा और दो विकल्प यूजर वैरिफिकेशन के लिए उपलब्ध होगें। पहला ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड जिसपर क्लिक करते ही आपको आधार कार्ड में दिए गए मोबाइल नंबर पर ये पासवर्ड आ जाएगा।

यदि आप दूसरा विकल्प यानी अंगूठे का निशान चुनते हैं तो एक पेज खुलेगा जहां आपको उंगलियों के निशान पर अपने अंगूठे का निशान लगाना होगा। अगर निशान वैध है तभी यूजर का वैरिफिकेशन हो पाएगा और इसके बाद आप अपना यूजर नेम और पासवर्ड क्रिएट कर पाएंगे। लॉकर में pdf, jpg, jpeg, png, bmp और gif फॉरमेट की फाइलें सेव की जा सकती हैं। अपलोड की जाने वाली फाइल का साइज 1 एमबी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

फिलहाल प्रत्येक यूजर को 10 एमबी का स्पेस मिलेगा, जिसे बाद में बढ़ाकर 1 जीबी किया जाना प्रस्तावित है। इससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी।