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गुरुवार, 13 अगस्त 2020
अपने पैरों के तलवों में तेल लगाएं!
शनिवार, 18 अप्रैल 2020
सोमवार, 10 फ़रवरी 2020
शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019
बुधवार, 24 अक्टूबर 2018
उत्तर प्रदेश में शस्त्र लाइसेंस आवेदन हेतु वांछित अभिलेख और औपचारिकताएं।
(1.) मूल निवास प्रमाण पत्र की छायाप्रति।
(2.) आधार कार्ड की छायाप्रति।
(3.) वोटर कार्ड अथवा ड्राइविंग लाइसेंस अथवा पासपोर्ट की छायाप्रति।
(4.) पैनकार्ड की छायाप्रति।
(5.) आर्थिक स्थिति हेतु इनकम टैक्स रिटर्न की छायाप्रति अथवा यदि नौकरी कर रहे है तो नियोक्ता द्वारा प्रदत्त वेतनमान पत्र की छायाप्रति।
(6.) शैक्षिक योग्यता का प्रमाण पत्र।
(7.) व्यपार किये जाने का प्रमाण पत्र।
(8.) आयु हेतु जन्म प्रमाण पत्र या हाईस्कूल की सनद की छायाप्रति।
(9.) मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रदत्त स्वास्थ्य प्रमाण पत्र एस-3।
(10.) विवाहित होने पर पत्नी का अनापत्ति शपथ पत्र अथवा अविवाहित होने पर माता का अनापत्ति शपथ पत्र।
(11.) जाति प्रमाण पत्र की छायाप्रति।
(12.) फिंगर प्रिंट शपथ पत्र की छायाप्रति।
(13.) यदि आवेदक वृद्ध अथवा मृतक श्रेणी के अंतर्गत आवेदन कर रहा है तो उसे वारिसान के अनापत्ति शपथ पत्र प्रस्तुत करने होंगे। मृतक का मृत्यु व वारिसान प्रमाण पत्र की छायाप्रति।
(14.) यदि आवेदक अपराध पीड़ित श्रेणी के अंतर्गत आवेदन कर रहा है तो F.I.R. की सत्यापित प्रति प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें उसका नाम अथवा गवाह के रूप में होगा तभी आवेदन पत्र स्वीकार किया जा सकता हैं।
(15.) दो गारन्टर के शपथ पत्र मय गारन्टर की आईडी के प्रस्तुत करने होंगे तथा गारन्टर के विरुद्ध कोई आपराधिक वाद नहीं होना चाहिए।
(16.) यदि आवेदक वन सेंचुरी में अथवा वन सेंचुरी के 10 किमी के दायरे में निवास करता हैं तो वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करना होगा।
(17.) स्वयं के शपथ पत्र की छायाप्रति।
(18.) वृद्ध श्रेणी में आवेदन करने पर संबंधित वृद्ध का अनापत्ति शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा।
(19.) मृतक श्रेणी में आवेदन करने पर शस्त्र जमा करने की रसीद/मूल लाइसेंस।
(20.) प्रतिसार निरीक्षक, पुलिस लाइन से शस्त्र संचालन का एस–1 प्रमाण पत्र।
(21.) एस–2 प्रमाण पत्र।
(22.) आवेदक व्यपारी है तो व्यपार से संबंधित साक्ष्य।
(23) आवेदक उद्यमी है तो उद्यमी से संबंधित साक्ष्य।
नोट :- उपरोक्त अभिलेख तीन प्रतियों में स्वप्रमाणित कर निर्धारित प्रारूप के साथ संलग्न करने होंगे। सभी शपथ पत्र मय फ़ोटो के होने चाहिए।
द्वारा:- ठाकुर सचिन चौहान अग्निवंशी
मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018
पथरी कितनी भी बड़ी हो इसे 2 दिन पीलो पथरी आपके सामने होगी।
दोस्तों दुनिया भर में लोगों में कई तरह की बीमारियों ने अपना घर बना लिया है। जिसका कारण आजकल के गलत खानपान और गलत रहन सहन होता है।
आज के इस पोस्ट में हम आपसे जिस बीमारी की बात कर रहे हैं। वह रोगी को बहुत ही कष्ट देता है| हम पथरी की बीमारी के बारे में बात कर रहे हैं। जिसमें रोगी को बहुत ज्यादा कष्ट होता है| पथरी होने का मुख्य कारण शरीर में कैल्शियम, ऑक्सालेट एसिड, फॉसफोरस और यूरिक एसिड के मिलने के कारण होता है।
पथरी दो प्रकार के होते एक छोटे एक बड़े-छोटा पथरी पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाता है। लेकिन बड़े पथरी बाहर नहीं आ पाते। जिसकी वजह से रोगी को काफी असहनीय दर्द सहना पड़ता है। आज के इस पोस्ट में हम आपको पथरी को तुरंत गला कर बाहर निकालने के उपाय बताने जा रहे हैं।
दोस्तों पपीते का सेवन तो आपने जरूर किया और पपीता खाने में जितना स्वादिष्ट होता है। उससे कई ज्यादा शरीर के लिए लाभदायक होता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पपीते के जड़ से पथरी का इलाज संभव है। 6 ग्राम पपीते की जड़ को अच्छे से पीसकर एक कप गुनगुने पानी में मिला लें। उसके बाद उसे कपड़े से छान कर इसका दिन में दो बार सेवन करें इससे पथरी जल्द ही गल कर बाहर आ जाएगी।
सोमवार, 8 अक्टूबर 2018
उत्तर प्रदेश में शस्त्र लाईसेंस पर लगी रोक हटाई गई...प्रदेश सरकार ने की नई गाईड लाईन्स जारी…!!
लखनऊ :- उत्तर प्रदेश सरकार ने आज देर रात्रि में प्रदेश में शस्त्र लाईसेंसों पर लगी रोक हटाते हुए नई गाईड लाईन्स जारी कर दी है। शासनादेश में बताया गया है कि नवीन शस्त्र लाईसेंस अब आयुद्ध नियमावली 2016 के अनुसार जारी होंगे। पूर्व में लगी रोक समाप्त कर दी गई है।
द्वितीय एवं तृतीय शस्त्र जिला मजिस्टे्रट/लाईसेंसिंग प्राधिकारी द्वारा औचित्य स्थापित होने पर ही दिया जायेगा। कुछ श्रेणी के आवेदकों जैसे अपराध पीडित, वरासतन, व्यापारी, उद्यमी, बैंक, संस्थागत, वित्तीय संस्थाएं, विभिन्न विभागों के ऐसे कर्मी जो प्रवर्तन कार्य में लगे है, सैनिक, अर्द्धसैनिक, पुलिसबल के कर्मी, एमएलए, एमएलसी, एमपी एवं राज्य, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाजों के आवेदनों को प्राथमिकता दी जायेगी।
द्वितीय शस्त्र, तृतीय शस्त्र एवं रायफल के नवीन लाईसेंस हेतु पूर्व में व्याप्त व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। अर्थात मण्डलीय कमैटी एवं शासन स्तर पर गठित कमैटी को समाप्त कर दिया गया है। शस्त्र लाईसेंस के आवेदकों को शस्त्र चालन की ट्रैनिंग खाली बंदूक से, का प्रमाण पत्र दिया जायेगा, न कि उनका फायरिंग कराकर टैस्ट लिया जायेगा, अर्थात पूर्व से चली आ रही शस्त्र चालन टैस्ट की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। व्यक्तिगत शस्त्र लाईसेंस के धारकों हेतु कारतूसों की सीमा बढा दी गई है।
एक समय में 100 और एक वर्ष में 200 कारतूस दिये जायेंगे। हर्ष फायरिंग की स्थिति में शस्त्र लाईसेंस को निरस्त किये जाने का प्रावधान किया गया है। आयुद्ध एवं गोला-बारूद के क्रय-विक्रय हेतु पहचान-पत्र, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट की छायाप्रति को अनिवार्य किया गया है।
आयुद्ध एवं गोला-बारूद के क्रय विक्रय एवं सेफ कस्टडी में रखे शस्त्रों के दुरूपयोग को रोकने हेतु एसडीएम व सीओ एक नियमित अंतराल पर औचक निरीक्षण की व्यवस्था करेंगे।
लाईसेंसिंग प्राधिकारी की सुविधा एवं सम्पूर्ण प्रदेश में लाईसेंस निर्गत करने में एकरूपता बनाये रखने हेतु एक तीन पेज की चैकलिस्ट तैयार की गई है, जो शासनादेश के साथ संलग्र की गई है।