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मंगलवार, 18 नवंबर 2025

आयुर्वेद में पुरुषोंˈ के लिए अमृत है ये पौधा कहीं मिल जाए तो जरूर ले जाये घर…!!

आयुर्वेद (आयुः + वेद = आयुर्वेद) विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। ‘आयुर्वेद’ नाम का अर्थ है, ‘जीवन का अमृत रूपी ज्ञान’ और यही संक्षेप में आयुर्वेद का सार है।आयुर्वेद, भारतीय आयुर्विज्ञान है।

आयुर्विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है।
(अर्थात जिस ग्रंथ में – हित आयु (जीवन के अनुकूल), अहित आयु (जीवन के प्रतिकूल), सुख आयु (स्वस्थ जीवन), एवं दुःख आयु (रोग अवस्था) – इनका वर्णन हो उसे आयुर्वेद कहते हैं।)

हम आपको आयुर्वेद के अनुसार एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि हमारे शरीर के लिए कॉफी ज्यादा फायदेमंद है, आप सभी ने इस पौधे का नाम जरूर सुना होगा, क्योंकि यह पौधा कहीं पर भी आसानी से मिल जाता है, इस पौधे को भांग के नाम से जानते हैं, यह पौधा औषधि गुणों से भरा हुआ है, आपको बता दें भांग के मादा पौधे में स्थित मंजरिया से निकले राल से गांजा प्राप्त किया जाता है, भांग के पौधे के अंदर कैनाबिनोल नामक एक रासायनिक तत्व पाया जाता है,

इसीलिए यह पित्त वे कफ नाशक होता है, यदि आप भांग चरस या गांजे की लेत से पीड़ित है तो यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, इसीलिए इसे सही डोज में लिया जाए तो यह कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है और इसकी पुष्टि विज्ञान भी कर चुका है।

1.यदि आप बहुत कम और सीमित मात्रा में भांग का सेवन करते हैं तो इससे आपकी इंद्रियां और संवेदनाओं की तीव्रता में बढ़ोतरी होती है| जिससे स्पष्ट सुनाई और दिखाई देना लगता है, इसका सेवन खराब मूड को भी सुधार सकता है।

2.भांग के पत्तों को निचोड़ कर 8 से 10 बूंदों को कान में डालने से कीड़े मरते हैं और कान की पीड़ा दूर हो जाती है

3.सर में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए भांग के पत्तों को बारीक पीसकर सूंघने से भी सिर का दर्द दूर हो जाता है।

4.भुनी हुई 125 मिलीग्राम भांग को 2 ग्राम काली मिर्च और 2 ग्राम मिश्री में मिलाकर सेवन करने से दमा का रोग दूर हो जाता है।

5.भांग के बीजों में प्रोटीन वे 20 तरह के अमीनो एसिड्स मौजूद होते हैं जो कैलोरी को जलाने वाली मांसपेशियों के विकास के लिए लाभदायक है, वर्कआउट करने के बाद भांग के बीजों को जूस में मिलाकर पीने से फायदा होता है।

सोमवार, 10 नवंबर 2025

🌞 चार उपलब्धियों के चार प्रकार 🌞

🚩🙏🏻 राधे राधे जी।🙏🏻🚩

आरोग्य, धन, ज्ञान और मोक्ष इन चार चीजों को पाने के लिए चार प्रकार के प्रयत्न करने पड़ते हैं। इनको देने वाले देवता अलग अलग हैं। आरोग्य अर्थात् बीमारी रहित जीवन की आकांक्षा से भगवान सूर्य की आराधना करनी चाहिए। 

     धन की प्रचुरता के लिए अग्नि देवता की आराधना करनी चाहिए। ज्ञान प्राप्ति के लिए भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। शिवजी की आराधना से लौकिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार की विद्या मिलती है। मोक्ष प्राप्ति के लिए भगवान नारायण की आराधना करनी चाहिए। 

इस संदर्भ में मत्स्य:- पुराण में महत्वपूर्ण निर्देश मिलता है:-

आरोग्यं भास्करादिच्छेत् धनमिच्छेद् हुताशनात्।
ईश्वरात् ज्ञानमिच्छेच्च मोक्षमिच्छेत् जनार्दनात्।।
             
शरीर धारण करने के लिए आत्माओं का निर्गमन विष्णु से ही होता है। अतः मोक्ष भी विष्णु की आराधना से मिलता है।

सूर्य देवता की नित्य आराधना से व्यक्ति कभी भी किसी बड़ी बीमारी का शिकार नहीं होता है। भगवान सूर्य धन और यश भी देते हैं:-

शरीरारोग्य-कृच्चैव धनवृद्धि-यशस्कर:।
जायते नात्र संदेहो यस्य तुष्येत् दिवाकरः।।
             
लोग भूल गए अग्नि देवता की आराधना। इसीलिए
पवित्र कर्म वालों को दरिद्रता घेरे रहती है। यदि आप पवित्र ढंग से जीते हुए धनी भी रहना चाहते हैं तो प्रतिदिन अग्नि की पूजा कीजिये।

🦅ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। 🦅