विस्तार से :–
पैतृक संपत्ति:–
अगर संपत्ति दादा-दादी की संपत्ति है, तो पोती को अपने पिता की संपत्ति में समान अधिकार प्राप्त है।
स्व-अर्जित संपत्ति:–
यदि दादा की संपत्ति स्व-अर्जित है, तो पोती का उस पर सीधे कोई अधिकार नहीं होता है।
वसीयत:–
दादा अपनी स्व-अर्जित संपत्ति को अपनी वसीयत में किसी को भी दे सकता है।
पिता की मृत्यु के बाद:–
यदि पिता की मृत्यु हो जाती है, तो पोती को अपने पिता के हिस्से का अधिकार प्राप्त होता है।
पुजारीवाद:–
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत, पोती को अपनी मां के हिस्से का अधिकार प्राप्त है, भले ही उसकी मां की मृत्यु हो गई हो।