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गुरुवार, 11 दिसंबर 2025

2026 Hindu Festival Calendar: देखें साल 2026 के त्योहारों की पूरी लिस्ट, कब है होली?

जनवरी के व्रत-त्योहार 2026 (January 2026 Hindu Calendar Festival)

1 जनवरी- प्रदोष व्रत (शुक्ल)
3 जनवरी - पौष पूर्णिमा व्रत
6 जनवरी- संकष्टी चतुर्थी
13 जनवरी - लोहड़ी
14 जनवरी - षटतिला एकादशी, पोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति
16 जनवरी - प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि
18 जनवरी - माघ अमावस्या
23 जनवरी - बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा
29 जनवरी - जया एकादशी
30 जनवरी - प्रदोष व्रत (शुक्ल)।

फरवरी के व्रत-त्योहार 2026 (February 2026 Hindu Calendar Festival)

1 फरवरी- माघ पूर्णिमा व्रत
5 फरवरी - संकष्टी चतुर्थी
13 फरवरी - विजया एकादशी, कुम्भ संक्रांति
14 फरवरी - प्रदोष व्रत (कृष्ण)
15 फरवरी - महाशिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि
17 फरवरी - फाल्गुन अमावस्या
27 फरवरी - आमलकी एकादशी
28 फरवरी- प्रदोष व्रत (शुक्ल)।

मार्च के व्रत-त्योहार 2026 (March 2026 Hindu Calendar Festival)

3 मार्च - होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
4 मार्च - होली
6 मार्च- संकष्टी चतुर्थी
15 मार्च- पापमोचिनी एकादशी, मीन संक्रांति
16 मार्च - प्रदोष व्रत (कृष्ण)
17 मार्च - मासिक शिवरात्रि
19 मार्च - चैत्र नवरात्रि, घटस्थापना, गुड़ी पड़वा
20 मार्च - चेटी चंड
26 मार्च - राम नवमी
27 मार्च - चैत्र नवरात्रि पारणा
29 मार्च - कामदा एकादशी
30 मार्च - प्रदोष व्रत (शुक्ल)।

अप्रैल के व्रत-त्योहार 2026 (April 2026 Hindu Calendar Festival)

2 अप्रैल- हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत
5 अप्रैल - संकष्टी चतुर्थी
13 अप्रैल - वरुथिनी एकादशी
14 अप्रैल- मेष संक्रांति
15 अप्रैल- मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
17 अप्रैल - वैशाख अमावस्या
19 अप्रैल - अक्षय तृतीया
27 अप्रैल - मोहिनी एकादशी
28 अप्रैल - प्रदोष व्रत (शुक्ल)।

मई के व्रत-त्योहार 2026 (May 2026 Hindu Calendar Festival)

1 मई - वैशाख पूर्णिमा व्रत
5 मई - संकष्टी चतुर्थी
13 मई- अपरा एकादशी
14 मई - प्रदोष व्रत (कृष्ण)
15 मई - मासिक शिवरात्रि, वृष संक्रांति
16 मई - ज्येष्ठ अमावस्या
27 मई - पद्मिनी एकादशी
28 मई - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
31 मई- पूर्णिमा व्रत।

जून के व्रत-त्योहार 2026 (June 2026 Hindu Calendar Festival)

3 जून- संकष्टी चतुर्थी
11 जून - परम एकादशी
12 जून- प्रदोष व्रत (कृष्ण)
13 जून - मासिक शिवरात्रि
15 जून - अमावस्या, मिथुन संक्रांति
25 जून - निर्जला एकादशी
27 जून - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
29 जून - ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत।

जुलाई के व्रत-त्योहार 2026 (July 2026 Hindu Calendar Festival)

3 जुलाई - संकष्टी चतुर्थी
10 जुलाई- योगिनी एकादशी
12 जुलाई - मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
14 जुलाई- आषाढ़ अमावस्या
16 जुलाई - जगन्नाथ रथ यात्रा, कर्क संक्रांति
25 जुलाई, शनिवार - देवशयनी एकादशी, अषाढ़ी एकादशी
26 जुलाई, रविवार - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
29 जुलाई, बुधवार - गुरु-पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत।

अगस्त के व्रत-त्योहार 2026 (August 2026 Hindu Calendar Festival)

2 अगस्त - संकष्टी चतुर्थी
9 अगस्त- कामिका एकादशी
10 अगस्त, - प्रदोष व्रत (कृष्ण)
11 अगस्त- मासिक शिवरात्रि
12 अगस्त - श्रावण अमावस्या
15 अगस्त - हरियाली तीज
17 अगस्त- नाग पंचमी, सिंह संक्रांति
23 अगस्त,- श्रावण पुत्रदा एकादशी
25 अगस्त - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
26 अगस्त ओणम/थिरुवोणम
28 अगस्त - रक्षा बंधन, श्रावण पूर्णिमा व्रत
31 अगस्त - संकष्टी चतुर्थी, कजरी तीज

सितंबर के व्रत-त्योहार 2026 (September 2026 Hindu Calendar Festival)

4 सितंबर, - जन्माष्टमी
7 सितंबर- अजा एकादशी
8 सितंबर, - प्रदोष व्रत (कृष्ण)
9 सितंबर- मासिक शिवरात्रि
11 सितंबर - भाद्रपद अमावस्या
14 सितंबर - गणेश चतुर्थी, हरतालिका तीज
17 सितंबर - कन्या संक्रांति
22 सितंबर - परिवर्तिनी एकादशी
24 सितंबर- प्रदोष व्रत (शुक्ल)
25 सितंबर - अनंत चतुर्दशी
26 सितंबर - भाद्रपद पूर्णिमा व्रत
29 सितंबर- संकष्टी चतुर्थी।

अक्टूबर के व्रत-त्योहार 2026 (October 2026 Hindu Calendar Festival)

6 अक्टूबर- इन्दिरा एकादशी
8 अक्टूबर- मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
10 अक्टूबर - अश्विन अमावस्या
11 अक्टूबर - शरद नवरात्रि, घटस्थापना
16 अक्टूबर - कल्परम्भ
17 अक्टूबर - नवपत्रिका पूजा, तुला संक्रांति
19 अक्टूबर - दुर्गा महा नवमी पूजा, दुर्गा महा अष्टमी पूजा
20 अक्टूबर - दशहरा, शरद नवरात्रि पारण
21 अक्टूबर- दुर्गा विसर्जन
22 अक्टूबर - पापांकुशा एकादशी
23 अक्टूबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
26 अक्टूबर - अश्विन पूर्णिमा व्रत
29 अक्टूबर - संकष्टी चतुर्थी, करवा चौथ।

नवंबर के व्रत-त्योहार 2026 (November 2026 Hindu Calendar Festival)

5 नवंबर- रमा एकादशी
6 नवंबर - धनतेरस, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
7 नवंबर- मासिक शिवरात्रि
8 नवंबर - दिवाली, नरक चतुर्दशी
9 नवंबर- कार्तिक अमावस्या
10 नवंबर- गोवर्धन पूजा
11 नवंबर - भाई दूज
15 नवंबर - छठ पूजा
16 नवंबर- वृश्चिक संक्रांति
20 नवंबर - देवुत्थान एकादशी
22 नवंबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
24 नवंबर - कार्तिक पूर्णिमा व्रत
27 नवंबर - संकष्टी चतुर्थी

दिसंबर के व्रत-त्योहार 2026 (December 2026 Hindu Calendar Festival)

4 दिसंबर - उत्पन्ना एकादशी
6 दिसंबर - प्रदोष व्रत (कृष्ण)
7 दिसंबर- मासिक शिवरात्रि
8 दिसंबर- मार्गशीर्ष अमावस्या
16 दिसंबर- धनु संक्रांति
20 दिसंबर- मोक्षदा एकादशी
21 दिसंबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
23 दिसंबर- मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
26 दिसंबर - संकष्टी चतुर्थी।

मंगलवार, 18 नवंबर 2025

आयुर्वेद में पुरुषोंˈ के लिए अमृत है ये पौधा कहीं मिल जाए तो जरूर ले जाये घर…!!

आयुर्वेद (आयुः + वेद = आयुर्वेद) विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। ‘आयुर्वेद’ नाम का अर्थ है, ‘जीवन का अमृत रूपी ज्ञान’ और यही संक्षेप में आयुर्वेद का सार है।आयुर्वेद, भारतीय आयुर्विज्ञान है।

आयुर्विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है।
(अर्थात जिस ग्रंथ में – हित आयु (जीवन के अनुकूल), अहित आयु (जीवन के प्रतिकूल), सुख आयु (स्वस्थ जीवन), एवं दुःख आयु (रोग अवस्था) – इनका वर्णन हो उसे आयुर्वेद कहते हैं।)

हम आपको आयुर्वेद के अनुसार एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि हमारे शरीर के लिए कॉफी ज्यादा फायदेमंद है, आप सभी ने इस पौधे का नाम जरूर सुना होगा, क्योंकि यह पौधा कहीं पर भी आसानी से मिल जाता है, इस पौधे को भांग के नाम से जानते हैं, यह पौधा औषधि गुणों से भरा हुआ है, आपको बता दें भांग के मादा पौधे में स्थित मंजरिया से निकले राल से गांजा प्राप्त किया जाता है, भांग के पौधे के अंदर कैनाबिनोल नामक एक रासायनिक तत्व पाया जाता है,

इसीलिए यह पित्त वे कफ नाशक होता है, यदि आप भांग चरस या गांजे की लेत से पीड़ित है तो यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, इसीलिए इसे सही डोज में लिया जाए तो यह कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है और इसकी पुष्टि विज्ञान भी कर चुका है।

1.यदि आप बहुत कम और सीमित मात्रा में भांग का सेवन करते हैं तो इससे आपकी इंद्रियां और संवेदनाओं की तीव्रता में बढ़ोतरी होती है| जिससे स्पष्ट सुनाई और दिखाई देना लगता है, इसका सेवन खराब मूड को भी सुधार सकता है।

2.भांग के पत्तों को निचोड़ कर 8 से 10 बूंदों को कान में डालने से कीड़े मरते हैं और कान की पीड़ा दूर हो जाती है

3.सर में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए भांग के पत्तों को बारीक पीसकर सूंघने से भी सिर का दर्द दूर हो जाता है।

4.भुनी हुई 125 मिलीग्राम भांग को 2 ग्राम काली मिर्च और 2 ग्राम मिश्री में मिलाकर सेवन करने से दमा का रोग दूर हो जाता है।

5.भांग के बीजों में प्रोटीन वे 20 तरह के अमीनो एसिड्स मौजूद होते हैं जो कैलोरी को जलाने वाली मांसपेशियों के विकास के लिए लाभदायक है, वर्कआउट करने के बाद भांग के बीजों को जूस में मिलाकर पीने से फायदा होता है।

सोमवार, 10 नवंबर 2025

🌞 चार उपलब्धियों के चार प्रकार 🌞

🚩🙏🏻 राधे राधे जी।🙏🏻🚩

आरोग्य, धन, ज्ञान और मोक्ष इन चार चीजों को पाने के लिए चार प्रकार के प्रयत्न करने पड़ते हैं। इनको देने वाले देवता अलग अलग हैं। आरोग्य अर्थात् बीमारी रहित जीवन की आकांक्षा से भगवान सूर्य की आराधना करनी चाहिए। 

     धन की प्रचुरता के लिए अग्नि देवता की आराधना करनी चाहिए। ज्ञान प्राप्ति के लिए भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। शिवजी की आराधना से लौकिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार की विद्या मिलती है। मोक्ष प्राप्ति के लिए भगवान नारायण की आराधना करनी चाहिए। 

इस संदर्भ में मत्स्य:- पुराण में महत्वपूर्ण निर्देश मिलता है:-

आरोग्यं भास्करादिच्छेत् धनमिच्छेद् हुताशनात्।
ईश्वरात् ज्ञानमिच्छेच्च मोक्षमिच्छेत् जनार्दनात्।।
             
शरीर धारण करने के लिए आत्माओं का निर्गमन विष्णु से ही होता है। अतः मोक्ष भी विष्णु की आराधना से मिलता है।

सूर्य देवता की नित्य आराधना से व्यक्ति कभी भी किसी बड़ी बीमारी का शिकार नहीं होता है। भगवान सूर्य धन और यश भी देते हैं:-

शरीरारोग्य-कृच्चैव धनवृद्धि-यशस्कर:।
जायते नात्र संदेहो यस्य तुष्येत् दिवाकरः।।
             
लोग भूल गए अग्नि देवता की आराधना। इसीलिए
पवित्र कर्म वालों को दरिद्रता घेरे रहती है। यदि आप पवित्र ढंग से जीते हुए धनी भी रहना चाहते हैं तो प्रतिदिन अग्नि की पूजा कीजिये।

🦅ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। 🦅

शनिवार, 5 जुलाई 2025

ये वो दवाई है.! जिसे दिन में सिर्फ़ 4 चम्मच लेने से ही कैंसर खत्म..जानकारी अच्छी लगे तो शेयर जरुर करें ताकि किसी की जिन्दगी बच सके!


दुनिया भर के अरबों लोग कैंसर से पीड़ित हैं, आज के समय की यह सबसे घातक बीमारी है। लेकिन कुछ लोगों का दावा है कि यह रूसी वैज्ञानिक डॉ. मेर्मेर्सकी (Hristo Mermerski) द्वारा की खोजे एक प्राकृतिक उपचार से ठीक किया जा सकता है।
रूस के एक वैज्ञानिक डॉ. मेर्मेर्सकी (Hristo Mermerski) ने घर में बनाई जाने वाली एक इसी औषधि इजाद की है जिस के इस्तेमाल से बहुत सी भिन्न भिन्न प्रकार की बीमारियो अथवा कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी से भी बचा जा सकता है। ये औषधि कई प्रकार के कैंसर के इलाज में फ़ायदेमंद हो सकती है।

दुनिया की ऐसी बहुत सी बड़ी बड़ी लाइलाज बीमारियाँ है जिनका इलाज संभव नहीं है और इसकी वजह से लोग मर जाते हैं। फिर वो चाहे एड्स हो या कैंसर हो या ट्यूमर हो। ये बीमारियाँ शुरू में तो पकड में नहीं आती हैं और जब तक इनका पता चलता है तब तक ये हाथ से बाहर होती हैं। कितनी ही मासूम जानों को हमने इन बीमारियों की वजह से खोते हुए देखा है। लोग दावा तो करते हैं कि इनका इलाज कहीं आयुर्वेदा में है या किसी तांत्रिक के पास है लेकिन आजतक इस बारे में कुछ ढंग का देखने को मिला नहीं है।

इस बीमारी से देश दुनिया में अरबों लोग ग्रसित हैं और ये बीमारी आज के दौर की सबसे घातक बीमारी बन के सामने आई है। लेकिन कुछ सुखद इस बारे में सुनने को मिल रहा है क्योकि बहुत से लोग इस बात का दावा कर रहे हैं कि रूसी वैज्ञानिक हृस्तो मेर्मेर्सकी ने एक ऐसा प्राकृतिक उपचार का इजाद किया है जिससे इस बीमारी का इलाज संभव हुआ है। रूसी वैज्ञानिक ने घर में बनने वाली ऐसी नायाब दवाई खोजी है जिसको प्रयोग करने पर केंसर सहित बहुत सी और भी बीमारियाँ दूर की जा सकती हैं। ये दवाई कैंसर के तमाम प्रकार के फॉर्म्स को सही करने में सक्षम बताई जा रही है।

डॉ. मेर्मेर्सकी के अनुसार ये औषधि लम्बी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए सहायक है। ये कैंसर के इलाज में बहुत लाभकारी है और साथ ही जवान दिखने और शारीरिक ताकत के लिए भी फायदेमंद है। ये शरीर में मेटाबोलिज्म को बढाता है, गुर्दों और लीवर को साफ़ करता है, शरीर में बिमारिओं से लरने की शक्ति पैदा करता है और दिल के दौरे से बचाता है।

आइये जानते है इस औषधि को तैयार करने की आवश्यक सामग्री के बारे में :

1. 400 ग्राम ताजा अखरोट।
2. 400 ग्राम अंकुरित अनाज गेंहू।
3. 1 किलो प्राकृतिक शहद।

4. 12 ताजा लहसुन की कलियाँ।
5. 15 ताजा निम्बू।

अंकुरित अनाज तेयार करने का तरीका :- 
अनाज को एक कांच के बर्तन में रख दे उस में उतना पानी डालें जिस से अनाज अच्छी तरह भीग जाए। इसे एक रात के लिए इसी तरह छोड़ दें अगली सुबह अनाज को निकाल कर छान पानी निकाल दें अच्छी तरह पानी से धोने के बाद अनाज में से सारा पानी निकल दें। पानी निकालने के बाद अनाज को दोबारा कांच के बर्तन में ढाल कर 24 घंटे तक रखें। इस से अंकुरित अनाज तयार हो जायेगा।

औषधि तैयार करने की विधि :- 
लहसुन की कलियाँ,अंकुरित अनाज और अखरोट को एक साथ पीस लें, 5 नीम्बू बिना छिलका फेंके पीस ले, बाकी के बचे 10 नीम्बू का रस इसमें निचोड़ दें, अब सब चीजों को अच्छे से मिला दें, अब इसमें लकड़ी की चम्मच से शहद अच्छी तरह मिलाएं और इस मिश्रण को एक कांच के जार में भरके फ्रिज में रख दें।
सेवन करने का तरिका :- 
डॉ मेर्मेर्सकी के अनुसार इसे सोने के आधा घंटे पहले लें और हर बार खाना खाने के आधे घंटे पहले लें। अगर कैंसर के इलाज हेतू ले रहे हैं तो हर 2 घंटे में इसे 2-2 चम्मच लेते रहें। ये कैंसर के लिए तो फायदेमंद है ही उसके साथ ये आपको जवान और ताकतवर बनाने में भी मददगार है।

शनिवार, 31 मई 2025

पीलिया कैसा भी और कितना भी पुराना क्यों ना हो..ये घरेलु उपाय उसकी 3 दिन में छुट्टी कर देगा!


• पीलिया क्यों होता हैं?
यह रोग मुख्य रूप से दूषित भोजन करने और दूषित पानी पीने के कारण होता है। यह रोग अधिक तैलीय पदार्थ तथा बासी भोजन करने से होता है। इस रोग में रोगी के शरीर में खून की कमी होने लगती है।

• शरीर में खून की कमी के कारण रोगी का पूरा शरीर पीला हो जाता है। इस रोग में रोगी की आंखें पीली हो जाती हैं और उसके पेशाब का रंग भी पीला होता है। इस रोग में खून में दूषित द्रव मिलकर अनेक प्रकार के रोगों को उत्पन्न करते हैं। इससे जिगर में सूजन पैदा होती है और रोगी को भोजन करने की इच्छा नहीं होती है।

• पीलिया लीवर से सम्बंधित रोग है, इस रोग में रोगी की आँखे पीली पड़ जाती हैं, पेशाब का रंग पीला हो जाता है, अधिक तीव्रता होने पर पेशाब का रंग और भी खराब हो जाता है, पीलिया दिखने में बहुत साधारण सी बीमारी लगती है, मगर इसका सही समय पर इलाज ना हो तो ये बहुत भयंकर परिणाम दे सकती है, रोगी की जान तक जा सकती है इसमें। आज हम आपको इस जानलेवा बीमारी का एक ऐसा रामबाण उपचार बता रहे हैं जो आपकी बरसों से चलती आ रही इस बीमारी को भी ज्यादा से ज्यादा 3-4 दिन में बिलकुल सही कर देगी। ये उपचार पीलिया चाहे वो हेपेटाइटिस A, B या C हो या फिर बिलरुबिन या ESR भी बढ़ा हुआ हो तो भी ये बहुत कारगर है। तो आइये जाने…!!

• पीलिया से निजात पाने के आसान से घरेलु उपाय :–

1.पीलिया हेपेटाइटिस A, B या C का काल हरा नारियल :–

रोगी को दिन में कम से कम 2 हरे नारियल का पानी पिलायें, नारियल तुरंत खोल कर तुरंत ही पानी पिलाना है, इसको ज्यादा देर तक रखना नहीं है। एक दिन के बाद ही पेशाब का कलर बदलना शुरू हो जायेगा। ऐसा निरंतर 4-5 दिन करने के बाद आप बिलकुल स्वस्थ अनुभव करेंगे। ऐसे में रोगी को जो भी इंग्लिश दवा दी जा रही हो उसको एक बार बंद कर दी जाए और अगर रोगी कि हालत बहुत सीरियस हो तो उसको इसके साथ में ग्लूकोस दिया जा सकता है। और बाकी पूरा दिन सिर्फ नारियल पानी पर ही रखें। ये प्रयोग अनेक लोगों पर पूर्ण रूप से सफल रहा है। लीवर में होने वाले किसी भी रोग के लिए भी इस प्रयोग को निसंकोच अपनाया जा सकता है।

2.प्याज़ :–
पीलिया की बीमारी में प्याज़ का बहुत ही महत्व है। सबसे पहले एक प्याज़ को छीलकर इसके पतले - पतले हिस्से करके इसमें नींबू का रस निचोड़े तथा इसके बाद इसमें पीसी हुई थोड़ी सी काली मिर्च और काला नमक डालकर प्रतिदिन सुबह - शाम इसका सेवन करने से पीलिया की बीमारी 15 से 20 दिन में ख़त्म हो जाती है।

3.चने की दाल :–
रात्रि को सोने से पहले चने की दाल को भिगोकर रख दे। प्रातकाल उठकर भीगी हुई दाल का पानी निकालकर उसमे थोड़ा सा गुड डालकर मिलाये। और इसको कम से कम एक से दो सप्ताह तक खाने से पीलिया की बीमारी ठीक हो जाती है। पीलिया की बीमारी को ठीक करने के लिए और भी अनेक उपाए है।

4.सौंठ :–
सौंठ से भी पीलिया के रोग को ठीक किया जा सकता है। उपचार (सामग्री ) : पिसी हुई सौंठ - 10 ग्राम, गुड - 10 ग्राम, प्रयोग विधि :- ऊपर बताई गई दोनों साम्रगी को अच्छी तरह से मिलाकर प्रातकाल ठन्डे पानी के साथ खाने से 10 से 15 दिन में पीलिया की बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।

5.पीपल :–
पीपल एक प्रकार की जड़ है जो दिखने में काले रंग की होती है। यह जड़ पंसारी की दुकानों पर आसानी से पाई जाती है। इस जड़ के तीन नग लेकर बारीक़ पीसकर पानी में पुरे एक दिन तक भिगोकर रखे या फुलाए। फुलाने के बाद बचे हुए पानी को बाहर निकालकर फेक दे। तथा फुले हुए नग में नींबू का रस , काली मिर्च और थोड़ा सा नमक डालकर रोजाना खाने से पीलिया एक सप्ताह में ही ठीक हो जायेगा। इसी तरह हर दिन नगो की संख्या एक - एक करके बढ़ाते जाये और ऊपर बताई गई विधि के अनुसार इसका सेवन करते रहे। जब नगो की संख्या दस हो जाये तब इसका प्रयोग बंद कर दे। बताया गया उपचार का उपयोग करने से पीलिया की बीमारी तो ठीक हो जाती है बल्कि पेट से जुडी सभी बीमारियाँ जैसे :- पुराना कब्ज , यरक़ान, पुराना बुखार इत्यादि रोगों से छुटकारा मिल जाता है।

6.बादाम : सामग्री :–
बादाम की गिरी - 10, छोटी इलायची के बीज - 5 के, छुहारे - 2 नग, प्रयोग विधि : इन सभी सामग्री को मिलाकर किसी भी मिट्टी के बर्तन में डालकर रात्रि को सोने से पहले भिगो दे। और प्रातकाल उठकर इन सभी भीगी हुई सामग्री में 75 ग्राम मिश्री मिलाकर इनको बारीक़ पीसकर इसमें 50 ग्राम ताजा मक्खन मिलाये और इसे एक मिश्रण की तरह तैयर करके रोगी को लगातार कम से कम दो सप्ताह तक सेवन करने से पीलिया की बीमारी ठीक हो जाती है। साथ ही पेट में बनी गर्मी भी दूर हो जाती है। 
नोट :- इस औषधी का उपयोग करते समय किसी गर्म पदार्थों को नही खाना चाहिए।

7.लहसुन :–
पीलिया की बीमारी में लहसुन भी फायदेमंद होता है। इसलिए कम से कम 4 लहसुन ले और इन्हे छीलकर किसी वस्तु से पीसकर इसमें 200 ग्राम दूध मिलाये। और रोगी को इसका रोजाना सेवन करने से पीलिया की बीमारी जड़ से ख़त्म हो जाती है। तथा पीलिया की बीमारी का उपकार इमली से भी किया जा सकता है।

8.इमली :–
इमली खाने के अनुसार रात्रि को सोने से पूर्व भिगोकर रख दे। प्रातकाल उठकर भीगी हुई इमली को मसलकर इसके छिलके उतार कर अलग रख दे। तथा इमली का बचे हुए पानी में काली मिर्च और काला नमक मिलाकर दो सप्ताह तक पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।

9.शहद और आँवले का रस :–
एक चम्मच शहद में 50 ग्राम ताजे हरे आँवले का रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह कम से कम तीन सप्ताह तक खाने से पीलिया की बीमारी से छुटकारा मिल जायेगा।

10.सूखे आलू बुखारे :–
सूखे आलू बुखारे आपको पंसारी से मिल जाएंगे, 4 सूखे आलू बुखारे एक चम्मच इमली और 1 चम्मच मिश्री को एक गिलास पानी के साथ किसी मिटटी के बर्तन में भिगो कर रख दे। सुबह इस मिश्रण को हाथो से मसल ले और अब इस पानी को मलमल के कपडे से छान ले और घूँट घूँट कर पी ले। ये प्रयोग सुबह शाम करे।

11.बन्दाल के डोडे :–
 बन्दाल के डोडे (जो पंसारी के यहाँ मिलते हैं) 4 या 5 नग लेकर रात को मिट्टी के सिकोरे या बर्तन में पौन कप पानी में डालकर भिगो दें। सुबह मसलकर उस पानी को छान लें। रोगी को सीधा लिटाकर, गर्दन थोड़ी झुकी रखकर, दो-तीन बूंद रूई से नाक के प्रत्येक नथुने में टपका दें। केवल एक दिन एक बार डालने से नाक-आँख से पीला पानी बहकर, भयंकर पीलिया दो ही दिन में ठीक हो जाता है।

12.पान, आक का दूध :–
एक बंगला पान ले इसमें चुना और कत्था लगाये। अब इस पान में आक के दूध की 3-4 बूंदे डाल कर खा ले। ये प्रयोग सुबह सूर्य निकलने से पहले करना हैं। ये प्रयोग 3 दिन करने से पीलिया ठीक हो जाता हैं और यदि पीलिया बहुत ज़्यादा हैं तो ये प्रयोग लगातार 5 दिन तक करना पड़ सकता हैं। आक का दूध निकलते समय सावधानी रखे क्यों की इसका दूध आँखों के लिए बहुत खतरनाक होता हैं। और ये प्रात सुबह सूर्य निकलने से पहले ही दूध निकलना हैं। पीलिया के इलाज के लिए आक के नर पत्ते को लेना चाहिए, आम तौर पर नर पत्ता ही ज़्यादातर मिलता हैं। नर पत्ते में अंग्रेजी के V आकार की नसे होती हैं, और फूल में गोला आम की शकल और बाल होते हैं।

पीलिया में क्या करे परहेज :–

पीलिया के रोगियों को मैदा, मिठाइयां, तले हुए पदार्थ, अधिक मिर्च मसाले, उड़द की दाल, खोया, मिठाइयां नहीं खाना चाहिए।

पीलिया के रोगियों को ऐसा भोजन करना चाहिए जो कि आसानी से पच जाए जैसे खिचड़ी, दलिया, फल, सब्जियां आदि। अनार नीम्बू और गन्ने (ईख) का सेवन पीलिया में बहुत हितकारी हैं।

नोट:– अपने संयम या डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।