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शनिवार, 5 जुलाई 2025

ये वो दवाई है.! जिसे दिन में सिर्फ़ 4 चम्मच लेने से ही कैंसर खत्म..जानकारी अच्छी लगे तो शेयर जरुर करें ताकि किसी की जिन्दगी बच सके!


दुनिया भर के अरबों लोग कैंसर से पीड़ित हैं, आज के समय की यह सबसे घातक बीमारी है। लेकिन कुछ लोगों का दावा है कि यह रूसी वैज्ञानिक डॉ. मेर्मेर्सकी (Hristo Mermerski) द्वारा की खोजे एक प्राकृतिक उपचार से ठीक किया जा सकता है।
रूस के एक वैज्ञानिक डॉ. मेर्मेर्सकी (Hristo Mermerski) ने घर में बनाई जाने वाली एक इसी औषधि इजाद की है जिस के इस्तेमाल से बहुत सी भिन्न भिन्न प्रकार की बीमारियो अथवा कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी से भी बचा जा सकता है। ये औषधि कई प्रकार के कैंसर के इलाज में फ़ायदेमंद हो सकती है।

दुनिया की ऐसी बहुत सी बड़ी बड़ी लाइलाज बीमारियाँ है जिनका इलाज संभव नहीं है और इसकी वजह से लोग मर जाते हैं। फिर वो चाहे एड्स हो या कैंसर हो या ट्यूमर हो। ये बीमारियाँ शुरू में तो पकड में नहीं आती हैं और जब तक इनका पता चलता है तब तक ये हाथ से बाहर होती हैं। कितनी ही मासूम जानों को हमने इन बीमारियों की वजह से खोते हुए देखा है। लोग दावा तो करते हैं कि इनका इलाज कहीं आयुर्वेदा में है या किसी तांत्रिक के पास है लेकिन आजतक इस बारे में कुछ ढंग का देखने को मिला नहीं है।

इस बीमारी से देश दुनिया में अरबों लोग ग्रसित हैं और ये बीमारी आज के दौर की सबसे घातक बीमारी बन के सामने आई है। लेकिन कुछ सुखद इस बारे में सुनने को मिल रहा है क्योकि बहुत से लोग इस बात का दावा कर रहे हैं कि रूसी वैज्ञानिक हृस्तो मेर्मेर्सकी ने एक ऐसा प्राकृतिक उपचार का इजाद किया है जिससे इस बीमारी का इलाज संभव हुआ है। रूसी वैज्ञानिक ने घर में बनने वाली ऐसी नायाब दवाई खोजी है जिसको प्रयोग करने पर केंसर सहित बहुत सी और भी बीमारियाँ दूर की जा सकती हैं। ये दवाई कैंसर के तमाम प्रकार के फॉर्म्स को सही करने में सक्षम बताई जा रही है।

डॉ. मेर्मेर्सकी के अनुसार ये औषधि लम्बी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए सहायक है। ये कैंसर के इलाज में बहुत लाभकारी है और साथ ही जवान दिखने और शारीरिक ताकत के लिए भी फायदेमंद है। ये शरीर में मेटाबोलिज्म को बढाता है, गुर्दों और लीवर को साफ़ करता है, शरीर में बिमारिओं से लरने की शक्ति पैदा करता है और दिल के दौरे से बचाता है।

आइये जानते है इस औषधि को तैयार करने की आवश्यक सामग्री के बारे में :

1. 400 ग्राम ताजा अखरोट।
2. 400 ग्राम अंकुरित अनाज गेंहू।
3. 1 किलो प्राकृतिक शहद।

4. 12 ताजा लहसुन की कलियाँ।
5. 15 ताजा निम्बू।

अंकुरित अनाज तेयार करने का तरीका :- 
अनाज को एक कांच के बर्तन में रख दे उस में उतना पानी डालें जिस से अनाज अच्छी तरह भीग जाए। इसे एक रात के लिए इसी तरह छोड़ दें अगली सुबह अनाज को निकाल कर छान पानी निकाल दें अच्छी तरह पानी से धोने के बाद अनाज में से सारा पानी निकल दें। पानी निकालने के बाद अनाज को दोबारा कांच के बर्तन में ढाल कर 24 घंटे तक रखें। इस से अंकुरित अनाज तयार हो जायेगा।

औषधि तैयार करने की विधि :- 
लहसुन की कलियाँ,अंकुरित अनाज और अखरोट को एक साथ पीस लें, 5 नीम्बू बिना छिलका फेंके पीस ले, बाकी के बचे 10 नीम्बू का रस इसमें निचोड़ दें, अब सब चीजों को अच्छे से मिला दें, अब इसमें लकड़ी की चम्मच से शहद अच्छी तरह मिलाएं और इस मिश्रण को एक कांच के जार में भरके फ्रिज में रख दें।
सेवन करने का तरिका :- 
डॉ मेर्मेर्सकी के अनुसार इसे सोने के आधा घंटे पहले लें और हर बार खाना खाने के आधे घंटे पहले लें। अगर कैंसर के इलाज हेतू ले रहे हैं तो हर 2 घंटे में इसे 2-2 चम्मच लेते रहें। ये कैंसर के लिए तो फायदेमंद है ही उसके साथ ये आपको जवान और ताकतवर बनाने में भी मददगार है।

शनिवार, 31 मई 2025

पीलिया कैसा भी और कितना भी पुराना क्यों ना हो..ये घरेलु उपाय उसकी 3 दिन में छुट्टी कर देगा!


• पीलिया क्यों होता हैं?
यह रोग मुख्य रूप से दूषित भोजन करने और दूषित पानी पीने के कारण होता है। यह रोग अधिक तैलीय पदार्थ तथा बासी भोजन करने से होता है। इस रोग में रोगी के शरीर में खून की कमी होने लगती है।

• शरीर में खून की कमी के कारण रोगी का पूरा शरीर पीला हो जाता है। इस रोग में रोगी की आंखें पीली हो जाती हैं और उसके पेशाब का रंग भी पीला होता है। इस रोग में खून में दूषित द्रव मिलकर अनेक प्रकार के रोगों को उत्पन्न करते हैं। इससे जिगर में सूजन पैदा होती है और रोगी को भोजन करने की इच्छा नहीं होती है।

• पीलिया लीवर से सम्बंधित रोग है, इस रोग में रोगी की आँखे पीली पड़ जाती हैं, पेशाब का रंग पीला हो जाता है, अधिक तीव्रता होने पर पेशाब का रंग और भी खराब हो जाता है, पीलिया दिखने में बहुत साधारण सी बीमारी लगती है, मगर इसका सही समय पर इलाज ना हो तो ये बहुत भयंकर परिणाम दे सकती है, रोगी की जान तक जा सकती है इसमें। आज हम आपको इस जानलेवा बीमारी का एक ऐसा रामबाण उपचार बता रहे हैं जो आपकी बरसों से चलती आ रही इस बीमारी को भी ज्यादा से ज्यादा 3-4 दिन में बिलकुल सही कर देगी। ये उपचार पीलिया चाहे वो हेपेटाइटिस A, B या C हो या फिर बिलरुबिन या ESR भी बढ़ा हुआ हो तो भी ये बहुत कारगर है। तो आइये जाने…!!

• पीलिया से निजात पाने के आसान से घरेलु उपाय :–

1.पीलिया हेपेटाइटिस A, B या C का काल हरा नारियल :–

रोगी को दिन में कम से कम 2 हरे नारियल का पानी पिलायें, नारियल तुरंत खोल कर तुरंत ही पानी पिलाना है, इसको ज्यादा देर तक रखना नहीं है। एक दिन के बाद ही पेशाब का कलर बदलना शुरू हो जायेगा। ऐसा निरंतर 4-5 दिन करने के बाद आप बिलकुल स्वस्थ अनुभव करेंगे। ऐसे में रोगी को जो भी इंग्लिश दवा दी जा रही हो उसको एक बार बंद कर दी जाए और अगर रोगी कि हालत बहुत सीरियस हो तो उसको इसके साथ में ग्लूकोस दिया जा सकता है। और बाकी पूरा दिन सिर्फ नारियल पानी पर ही रखें। ये प्रयोग अनेक लोगों पर पूर्ण रूप से सफल रहा है। लीवर में होने वाले किसी भी रोग के लिए भी इस प्रयोग को निसंकोच अपनाया जा सकता है।

2.प्याज़ :–
पीलिया की बीमारी में प्याज़ का बहुत ही महत्व है। सबसे पहले एक प्याज़ को छीलकर इसके पतले - पतले हिस्से करके इसमें नींबू का रस निचोड़े तथा इसके बाद इसमें पीसी हुई थोड़ी सी काली मिर्च और काला नमक डालकर प्रतिदिन सुबह - शाम इसका सेवन करने से पीलिया की बीमारी 15 से 20 दिन में ख़त्म हो जाती है।

3.चने की दाल :–
रात्रि को सोने से पहले चने की दाल को भिगोकर रख दे। प्रातकाल उठकर भीगी हुई दाल का पानी निकालकर उसमे थोड़ा सा गुड डालकर मिलाये। और इसको कम से कम एक से दो सप्ताह तक खाने से पीलिया की बीमारी ठीक हो जाती है। पीलिया की बीमारी को ठीक करने के लिए और भी अनेक उपाए है।

4.सौंठ :–
सौंठ से भी पीलिया के रोग को ठीक किया जा सकता है। उपचार (सामग्री ) : पिसी हुई सौंठ - 10 ग्राम, गुड - 10 ग्राम, प्रयोग विधि :- ऊपर बताई गई दोनों साम्रगी को अच्छी तरह से मिलाकर प्रातकाल ठन्डे पानी के साथ खाने से 10 से 15 दिन में पीलिया की बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।

5.पीपल :–
पीपल एक प्रकार की जड़ है जो दिखने में काले रंग की होती है। यह जड़ पंसारी की दुकानों पर आसानी से पाई जाती है। इस जड़ के तीन नग लेकर बारीक़ पीसकर पानी में पुरे एक दिन तक भिगोकर रखे या फुलाए। फुलाने के बाद बचे हुए पानी को बाहर निकालकर फेक दे। तथा फुले हुए नग में नींबू का रस , काली मिर्च और थोड़ा सा नमक डालकर रोजाना खाने से पीलिया एक सप्ताह में ही ठीक हो जायेगा। इसी तरह हर दिन नगो की संख्या एक - एक करके बढ़ाते जाये और ऊपर बताई गई विधि के अनुसार इसका सेवन करते रहे। जब नगो की संख्या दस हो जाये तब इसका प्रयोग बंद कर दे। बताया गया उपचार का उपयोग करने से पीलिया की बीमारी तो ठीक हो जाती है बल्कि पेट से जुडी सभी बीमारियाँ जैसे :- पुराना कब्ज , यरक़ान, पुराना बुखार इत्यादि रोगों से छुटकारा मिल जाता है।

6.बादाम : सामग्री :–
बादाम की गिरी - 10, छोटी इलायची के बीज - 5 के, छुहारे - 2 नग, प्रयोग विधि : इन सभी सामग्री को मिलाकर किसी भी मिट्टी के बर्तन में डालकर रात्रि को सोने से पहले भिगो दे। और प्रातकाल उठकर इन सभी भीगी हुई सामग्री में 75 ग्राम मिश्री मिलाकर इनको बारीक़ पीसकर इसमें 50 ग्राम ताजा मक्खन मिलाये और इसे एक मिश्रण की तरह तैयर करके रोगी को लगातार कम से कम दो सप्ताह तक सेवन करने से पीलिया की बीमारी ठीक हो जाती है। साथ ही पेट में बनी गर्मी भी दूर हो जाती है। 
नोट :- इस औषधी का उपयोग करते समय किसी गर्म पदार्थों को नही खाना चाहिए।

7.लहसुन :–
पीलिया की बीमारी में लहसुन भी फायदेमंद होता है। इसलिए कम से कम 4 लहसुन ले और इन्हे छीलकर किसी वस्तु से पीसकर इसमें 200 ग्राम दूध मिलाये। और रोगी को इसका रोजाना सेवन करने से पीलिया की बीमारी जड़ से ख़त्म हो जाती है। तथा पीलिया की बीमारी का उपकार इमली से भी किया जा सकता है।

8.इमली :–
इमली खाने के अनुसार रात्रि को सोने से पूर्व भिगोकर रख दे। प्रातकाल उठकर भीगी हुई इमली को मसलकर इसके छिलके उतार कर अलग रख दे। तथा इमली का बचे हुए पानी में काली मिर्च और काला नमक मिलाकर दो सप्ताह तक पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।

9.शहद और आँवले का रस :–
एक चम्मच शहद में 50 ग्राम ताजे हरे आँवले का रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह कम से कम तीन सप्ताह तक खाने से पीलिया की बीमारी से छुटकारा मिल जायेगा।

10.सूखे आलू बुखारे :–
सूखे आलू बुखारे आपको पंसारी से मिल जाएंगे, 4 सूखे आलू बुखारे एक चम्मच इमली और 1 चम्मच मिश्री को एक गिलास पानी के साथ किसी मिटटी के बर्तन में भिगो कर रख दे। सुबह इस मिश्रण को हाथो से मसल ले और अब इस पानी को मलमल के कपडे से छान ले और घूँट घूँट कर पी ले। ये प्रयोग सुबह शाम करे।

11.बन्दाल के डोडे :–
 बन्दाल के डोडे (जो पंसारी के यहाँ मिलते हैं) 4 या 5 नग लेकर रात को मिट्टी के सिकोरे या बर्तन में पौन कप पानी में डालकर भिगो दें। सुबह मसलकर उस पानी को छान लें। रोगी को सीधा लिटाकर, गर्दन थोड़ी झुकी रखकर, दो-तीन बूंद रूई से नाक के प्रत्येक नथुने में टपका दें। केवल एक दिन एक बार डालने से नाक-आँख से पीला पानी बहकर, भयंकर पीलिया दो ही दिन में ठीक हो जाता है।

12.पान, आक का दूध :–
एक बंगला पान ले इसमें चुना और कत्था लगाये। अब इस पान में आक के दूध की 3-4 बूंदे डाल कर खा ले। ये प्रयोग सुबह सूर्य निकलने से पहले करना हैं। ये प्रयोग 3 दिन करने से पीलिया ठीक हो जाता हैं और यदि पीलिया बहुत ज़्यादा हैं तो ये प्रयोग लगातार 5 दिन तक करना पड़ सकता हैं। आक का दूध निकलते समय सावधानी रखे क्यों की इसका दूध आँखों के लिए बहुत खतरनाक होता हैं। और ये प्रात सुबह सूर्य निकलने से पहले ही दूध निकलना हैं। पीलिया के इलाज के लिए आक के नर पत्ते को लेना चाहिए, आम तौर पर नर पत्ता ही ज़्यादातर मिलता हैं। नर पत्ते में अंग्रेजी के V आकार की नसे होती हैं, और फूल में गोला आम की शकल और बाल होते हैं।

पीलिया में क्या करे परहेज :–

पीलिया के रोगियों को मैदा, मिठाइयां, तले हुए पदार्थ, अधिक मिर्च मसाले, उड़द की दाल, खोया, मिठाइयां नहीं खाना चाहिए।

पीलिया के रोगियों को ऐसा भोजन करना चाहिए जो कि आसानी से पच जाए जैसे खिचड़ी, दलिया, फल, सब्जियां आदि। अनार नीम्बू और गन्ने (ईख) का सेवन पीलिया में बहुत हितकारी हैं।

नोट:– अपने संयम या डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।