दोस्तों आज शुगर या मधुमेह रोग मानवता के लिए एक नासूर बन गया है एलोपैथी में हजारों रुपए की दवाएं लोग खाते खाते थके जा रहें हैं पुरुष हो या स्त्री दोनों जातियों में यह रोग घुन लगा रहा है और बहुतयात से पाया जाता है जब इनबॉक्स में रोगियों एक बड़ी संख्या शुगर शुगर शुगर पुकार ने लगी और प्रति दिन वाटसअप पर सैकड़ों की संख्या में मैसेज आने लगे तो मुझे अबतक के सबसे तीव्र और अनूठे इस शुगर नाशक महा योग से पर्दा उठाना ही पड़ा इसलिए कि मानवता से बढ़कर कोई चीज नहीं।
आप सामग्री ध्यान में रखें :-
1. इन्द्रजो कडवा या इन्द्रजो तल्ख़ 250 ग्राम।
2. बादाम 250 ग्राम।
3. भुने चने 250 ग्राम।
यह योग बिल्कुल अजूबा योग है अनेकों रोगियों पर आजमाया गया है मेरे द्वारा 100% रिजल्ट आया है आप इस नुस्खे के रिजल्ट का अंदाजा यूं लगा सकते हैं कि अगर इसको उसकी मात्रा से ज्यादा लिया जाए तो शुगर इसके सेवन से लो होने लगती है बादाम को इस वजह से शामिल किया गया यह शुगर रोगी की दुर्बलता कमजोरी सब दूर कर देता है चने को इन्द्रजो की कड़वाहट थोड़ी कम करने के लिए मिलाया गया।
➡ बनाने कि विधी :-
तीनों औषधियों का अलग अलग पावडर बनाए और तीनो को मिक्स कर लीजिये और कांच के जार में रख लें और खाने के बाद एक चाय वाला चम्मच एक दिन में केवल एक बार खाएं सादे जल से!
इंद्रजौ के 09 चमत्कारी फ़ायदे :-
1. मुंह के छाले :-
इन्द्र जौ और काला जीरा 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर कूटकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छालों पर दिन में 2 बार लगाने से छाले नष्ट होते हैं।
इंद्रजौ के बीज जो जौ के समान होते है।
2. बवासीर :-
कड़वे इन्द्रजौ को पानी के साथ पीसकर बेर के बराबर गोलियां बना लें। रात को सोते समय दो गोली ठंडे जल के साथ खायें। इससे बादी बवासीर ठीक होती है।
3. कुष्ठ या कोढ:-
इन्द्र जौ को पीसकर गाय के पेशाब में मिलाकर लेप करने से चर्म-दल कोढ़ मिट जाता है।
4. पाचन की खराबी :-
इन्द्रजौ के चूर्ण को 2-2 ग्राम खाने से पेट का दर्द और मंदाग्नि समाप्त हो जाती है।
5. पेट के कीड़े :-
इन्द्रजौ को पीस और छानकर 1-1 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम पीने से पेट के कीडे़ मरकर, मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
6. पीलिया :-
काले इन्द्रजौ के बीजों का रस निकालें और थोड़ा-थोड़ा तीन दिनों तक खायें।
7. पथरी :-
इन्द्र जौ और नौसादर का चूर्ण दूध अथवा चावल के धोये हुए पानी में डालकर पीना चाहिए। इससे 5 दिन में पथरी गलकर निकल जाती है। नही निकले तो प्रयोग कुछ दिन आगे बढ़ाए।
इन्द्र जौ की छाल को दही में पीसकर पिलाना चाहिए। इससे पथरी नष्ट हो जाती है।
8. दस्त :-
इन्द्र-जौ को पीसकर चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में ठंडे पानी के साथ दिन में 3 बार पिलाने से अतिसार समाप्त हो जाती है।
9. पेट की ऐंठन :-
इन्द्रजौ के बीजों को कुछ गर्म करके पानी में भिगोयें, बाद में उस पानी को सेवन करें। इससे पेट की ऐंठन खत्म हो जाती है।